
नई दिल्ली । रूस (Russia) दुनिया के सबसे बड़े हथियार निर्यातक देशों (arms exporting countries) में से है। यह हर तरीके के हथियारों को बनाता है और अपने सहयोगी देशों को बेचता भी है। राष्ट्रपति पुतिन (President Putin) ने रूस के एक बड़ा हथियार निर्यातक देश होने पर कहा कि हमारे हथियारों ने युद्ध (war) की परिस्थितियों में अपने आप को बेहतर ढंग से साबित किया है इसलिए इनकी मांग दुनिया भर में बढ़ती जा रही है। आपको बता दें भारतीय सेना के हथियारों का एक बड़ा हिस्सा रूस से ही आता है। पिछले कुछ वर्षों में परिस्थिति बदली है लेकिन अब भी रूस हमारा सबसे बड़ा रक्षा साथी है।
रूसी टेलीविजन पर प्रसारित हुए एक कार्यक्रम के दौरान पुतिन ने कहा, “रूस हथियारों के टॉप 5 निर्यातक देशों में से एक बना हुआ है। हम कई क्षेत्रों में भी टॉप पर ही हैं। हमारे हथियारों की सटीकता और उनकी विश्वसनीयता ही है कि हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं। पुतिन ने कहा अन्य देशों की हमारे हथियारों में रुचि बढ़ रही है और हम जानते हैं कि ऐसा क्यों हैं.. ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे हथियार युद्ध की परिस्थिति में भी खरे उतरते हैं, न कि सिर्फ परीक्षण के मैदानों में।”
रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “रूसी सैन्य उपकरणों की लगभग हर यूनिट, जिसमें रडार सिस्टम, रक्षा उपकरण से लेकर बख्तरबंद वाहन सभी युद्ध मैदानों में अपनी विश्वसनीयता साबित कर रहे हैं। वे दिखा रहे हैं कि वह क्या करने में सक्षम हैं.. अब समय आ गया है कि हमें अपने हथियारों के निर्यात को बढ़ावा देकर वैश्विक हथियार बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहिए।”
बकौल पुतिन, रूसी सैन्य उत्पादों के लिए अब बहुत सारे ऑर्डर आ रहे हैं। यह बाजार रूस के लिए कई बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। इसलिए अब रूस को निर्यात और डिलीवरी की मात्रा को बढ़ाने की आवश्यकता है।
रूसी मीडिया के मुताबिक राष्ट्रपति ने आधुनिक युद्धों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ती भूमिका की तरफ भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक हथियार बाजार का भविष्य एआई तकनीक पर निर्भर करता है। आने वाले कुछ सालों में यहां पर कड़ा कंपटीशन देखने को मिलेगा। इसलिए हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए।
राष्ट्रपति पुतिन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच हुए तनाव में रूसी एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 ने अपना जौहर दिखाया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के अंदर तक घुसकर हमला किया जबकि भारत के स्वदेशी और एस-400 डिफेंस सिस्टम के सामने तुर्किए के विमानों की एक न चली।
आपको बता दें कि 2022 में यूक्रेन के साथ शुरू हुए युद्ध के बाद से रूस अपने हथियारों के निर्यात में पिछड़ने लगा है। भारत के साथ संबंध की बात करें तो रूस अभी तक भारत को केवल 3 एस-400 सिस्टम दे पाया है, जबकि दो और आने अभी बाकी है लेकिन यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस की घरेलू खपत बहुत ज्यादा बढ़ गई है। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों और देशों की बदलती प्राथमिकताओं ने निर्यात को प्रभावित भी किया है। एक रिसर्च के मुताबिक यूक्रेन से जारी युद्ध की वजह से रूस का हथियार निर्यात करीब 7.8 प्रतिशत गिर गया है।
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