
मास्को। रूस (Russia) के एंगेल्स एयरफील्ड (Engels Airfield) से कुछ तुपोलेव Tu-95 स्ट्रैटेजिक हैवी न्यूक्लियर बॉम्बर (Tu-95 Strategic Bombers) को यूक्रेन (Ukraine.) के आसपास के इलाकों में भेजा गया है. ये भी दावा किया जा रहा है इन बमवर्षकों से भी यूक्रेन पर मिसाइलें (Missiles dropped Ukraine) गिराई गई हैं. रूस का यह विशालकाय विमान (Giant plane) असल में स्ट्रैटेजिक हैवी न्यूक्लियर बॉम्बर है. हैरानी की बात ये है कि 1952 में इसकी पहली उड़ान हुई थी।
72 साल से यह विमान पहले सोवियत संघ और अब रूस की वायुसेना की मदद कर रहा है. पहले इस विमान का इस्तेमाल यूक्रेन की एयरफोर्स भी करती थी. लेकिन अब उनके पास ये एक भी नहीं बचा. 1952 से लेकर 1993 तक इस विमान का प्रोडक्शन किया गया. कुल मिलाकर इसके चार वैरिएंट्स हैं. कुल 500 विमान बनाए गए।
सोवियत संघ के मशहूर डिजाइन आंद्रेई तुपोलेव ने इसे बनाया था. यह सोवियत संघ का पहला अंतरमहाद्वीपीय बमवर्षक था. यानी एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक जाने वाला विमान. इसकी रेंज जानकर ही लगता है कि ये इस लायक है. ये एक बार में 15000 किलोमीटर की उड़ान भर सकता है।
आइए जानते हैं इसकी खासियत…
क्रू… इसे उड़ाने के लिए 6-7 लोग चाहिए होते हैं. जिसमें पायलट, को-पायलट, फ्लाइट इंजीनियर, कम्यूनिकेशन सिस्टम ऑपरेटर, नेविगेटर, टेल गनर, एडिशनल नेविगेटर.
151.7 फीट लंबे विमान का विंगस्पैन 164.4 फीट है. खाली विमान का वजन 90 हजार किलोग्राम रहता है. लेकिन टेकऑफ के समय अधिकतम वजन 1.88 लाख किलोग्राम होता है. इसमें चार इंजन और 8 ब्लेड वाले कॉन्ट्रा-रोटेटिंग प्रोपेलर्स लगे होते हैं. यानी वो पंखे जो आपको ऊपर वीडियो में दिखे होंगे.
यह विमान अधिकतम 925 km/hr की स्पीड से उड़ान भर सकता है. लेकिन आमतौर पर 710 km/hr की स्पीड से क्रूज करता है. यह अधिकतम 45 हजार फीट की ऊंचाई पर जा सकता है. यह दुनिया का सबसे ज्यादा शोर करने वाला विमान है. यानी इसके आने का पता पहले से चल जाता है।
यह हर एक मिनट में 2000 फीट ऊपर जा सकता है. इसमें 23 मिलिमीटर की 2 ग्रियाजेव-शिपुनोव जीएसएस-23 ऑटोकैनन लगे हैं. सबसे खास है, इसमें पीछे इसके टेल की तरफ ऑटोकैनन लगा होता है. यानी पीछे से इस पर हमला करना मुश्किल है. टेल गनर पीछे से आने वाले विमानों की धज्जियां उड़ा देगा।
दुश्मन पर हमला करने के लिए इस विमान में 15 हजार किलोग्राम तक के बम या मिसाइल या दोनों तैनात किए जा सकते हैं. जैसे- Kh-20, Kh-22, Kh-55/101/102 या 8 Kh-101/102 क्रूज मिसाइलें. इन्हें अंडरविंग पाइलॉन में लगाया जाता है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved