
नई दिल्ली । यूरोप (Europe) की सर्वोच्च मानवाधिकार अदालत ‘यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स’ (European Court of Human Rights) ने एक ऐतिहासिक फैसले में रूस को 2014 में मलेशिया एयरलाइंस (Malaysia Airlines) की फ्लाइट MH17 को मार गिराने का दोषी ठहराया है। इस हादसे में विमान में सवार सभी 283 यात्रियों और 15 चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई थी। यह पहली बार है जब किसी अंतरराष्ट्रीय अदालत ने रूस को इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
क्या थी घटना?
17 जुलाई 2014 को एम्स्टर्डम से कुआलालंपुर जा रही मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट MH17 एक बोइंग 777 विमान था। यह फ्लाइट पूर्वी यूक्रेन के ऊपर से गुजर रही थी। उस समय यह क्षेत्र रूस समर्थित अलगाववादी विद्रोहियों के नियंत्रण में था। कोर्ट ने अपने 501 पेज के फैसले में कहा कि विमान को रूस में बनी सतह-से-हवा में मार करने वाली बक मिसाइल से जानबूझकर मार गिराया गया। रूस ने संभवतः इसे गलती से सैन्य विमान समझ लिया था। इस हमले में 17 देशों के 298 लोग मारे गए, जिनमें 198 डच नागरिक, 43 मलेशियाई, 38 ऑस्ट्रेलियाई और 10 ब्रिटिश नागरिक शामिल थे।
अदालत का फैसला
स्ट्रासबर्ग में भरे हुए कोर्टरूम में अदालत के प्रमुख मटियास गुओमार ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि रूस ने न केवल इस हमले के लिए जिम्मेदारी स्वीकार करने से इनकार किया, बल्कि इसकी ठोस जांच करने में भी विफल रहा, जिससे पीड़ितों के परिजनों का दुख “काफी बढ़ गया।” अदालत ने रूस के इस रवैये को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन माना। इसके अलावा, रूस पर 2014 से यूक्रेन में व्यापक मानवाधिकार उल्लंघनों का भी आरोप लगाया गया, जिसमें हत्या, यातना, बलात्कार, नागरिक बुनियादी ढांचे का विनाश और यूक्रेनी बच्चों का अपहरण शामिल है।
यूक्रेन और नीदरलैंड्स की प्रतिक्रिया
यूक्रेन ने इस फैसले को “ऐतिहासिक और अभूतपूर्व” करार देते हुए इसे एक “निर्विवाद जीत” बताया। यूक्रेन के न्याय मंत्रालय ने टेलीग्राम पर एक बयान में कहा कि यह फैसला अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत रूस की जवाबदेही को मजबूत करता है। नीदरलैंड्स के विदेश मंत्री कैस्पर वेल्डकैंप ने कहा, “यह फैसला पीड़ितों के परिवारों के लिए न्याय और मान्यता की भावना प्रदान करता है, हालांकि यह उनके दुख को कम नहीं कर सकता।”
रूस का रुख
रूस ने इस फैसले को “अमान्य” करार देते हुए इसे मानने से इनकार कर दिया। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने कहा, “हम इस फैसले का पालन नहीं करेंगे, हम इसे शून्य मानते हैं।” रूस ने हमेशा इस हादसे में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया है और दावा किया है कि यह यूक्रेनी सेना या अन्य कारणों से हुआ। हालांकि, कोर्ट ने अपने फैसले में साक्ष्यों के आधार पर यह स्पष्ट किया कि मिसाइल रूसी सैन्य बलों या रूस समर्थित अलगाववादियों द्वारा दागी गई थी।
यह फैसला नीदरलैंड्स में हुई एक आपराधिक मुकदमे से अलग है, जिसमें 2022 में दो रूसियों और एक यूक्रेनी विद्रोही को अनुपस्थिति में हत्या के कई मामलों में दोषी ठहराया गया था। उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, लेकिन वे अभी भी फरार हैं और रूस ने उन्हें प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा, मई 2025 में संयुक्त राष्ट्र की विमानन एजेंसी, इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) ने भी रूस को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया था, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड्स ने रूस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की थी।
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