
नई दिल्ली: रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच युद्ध (War) खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. लगभग साढ़े तीन साल होने के बाद भी मिसाइल (Missile) बरसाने का सिलसिला जारी है. रूस ने गुरुवार को यूक्रेन में बिजली नेटवर्क पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया. इसी के बाद यूक्रेन में गुरुवार को व्यापक ब्लैकआउट हुआ. अधिकारियों के अनुसार, रूस ने यूक्रेन पर रातभर सैकड़ों ड्रोन (Drone) और दर्जनों मिसाइलें दागीं. इन हमलों ने कई क्षेत्रों में ऊर्जा सुविधाओं (Energy Facilities) को ठप कर दिया, जिससे लाखों लोग सर्दियों के आगमन से पहले बिजली से वंचित हो गए.
रूस लगातार यूक्रेन की एनर्जी सुविधा पर हमला कर रहा है. कुछ दिन पहले, रूस ने कीव ओब्लास्ट के स्लावुतिच शहर में एक ऊर्जा सुविधा पर हमला किया. ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, इस हमले की वजह से 1 अक्टूबर को चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में कई घंटे का ब्लैकआउट हुआ.
पूरा युद्ध चलने के दौरान ऊर्जा ग्रिड रूस का प्रमुख टारगेट रहा है. यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि मॉस्को “सर्दी को हथियार बना रहा है” और ठंड के मौसम से पहले ऊर्जा सुविधाओं पर हमले कर रहा है. रूस इस दावे का खंडन करता है और कहता है कि वो सिर्फ सैन्य ठिकानों को निशाना बनाता है.
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