
मास्को। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia Ukraine War) के कुछ ही हफ्तों में 4 साल पूरे हो जाएंगे। इन सालों में दोनों देशों ने अपने हजारों सैनिकों और नागरिकों को खो दिया है। वहीं अरबों डॉलर के इंफ्रास्ट्रक्चर नष्ट (Billions dollars worth Infrastructure destroyed) हो चुके हैं। अब इस युद्ध को लेकर विशेषज्ञों ने रूस को आगाह किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक रूस को यूक्रेन पर हमले की भारी आर्थिक कीमत चुकानी होगी। यह भी कहा गया है कि भले ही युद्ध आज ही खत्म क्यों न हो जाए, रूस को इससे उबरने में कई साल लग जाएंगे।
विश्लेषकों ने कहा है कि बढ़ते सैन्य खर्च और घटती आमदनी की वजह से पुतिन की सरकार की कर्ज पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। बुधवार को रूसी सरकार ने करीब बॉन्ड बेचकर करीब 108.9 अरब रूबल का कर्ज लिया। इसके साथ ही 2025 में अब तक कुल कर्ज जारी करने का आंकड़ा 7.9 ट्रिलियन रूबल पहुंच गया है।
रूस के पास नहीं बचे विकल्प
वहीं कर्ज लेने के रूस के पास बॉन्ड बेचने के अलावा ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं। देश का रेनिडे रिजर्व यानी आपातकालीन बचत का आधे से ज्यादा हिस्सा खत्म हो चुका है। वहीं बजट घाटा भी बढ़ गया है। इसकी बड़ी वजह सैन्य खर्च में 30 से 60 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी है। वहीं अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद तेल और गैस जैसी कमोडिटी से होने वाली कमाई में भी गिरावट आई है।
आने वाले सालों में रूस के सामने कई मुसीबतें हैं। तेल की कीमतें बढ़ने, रूबल के मजबूत होने, आर्थिक ग्रोथ अनुमान से कम रहने और सैन्य खर्च बढ़ने की वजह से रूस की परेशानियां और बढ़ सकती हैं। अगर ब्याज दरें ऊंची बनी रहीं और तेल-गैस से कमाई घटी, तो रूस के सामने तीन ही रास्ते होंगे। या तो टैक्स बढ़ाए जाएं, या दूसरे जरूरी खर्चों में कटौती हो, या फिर और ज्यादा कर्ज लिया जाए।
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