वाशिंगटन। रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War ) के बीच करीब चार साल से जारी जंग में एक बार फिर शांति की उम्मीदें (Hopes for peace) जगी हैं। अमेरिका और रूस द्वारा तैयार शांति प्रस्ताव पर बात ना बनने के बाद अब अमेरिका ने यूक्रेन के साथ मिलकर नया प्रस्ताव तैयार किया है। दोनों देशों ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए 20 सूत्री शांति प्लान तैयार किया है।
मंगलवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने शांति की उम्मीद जताते हुए इस 20 सूत्री प्लान की जानकारी साझा की है। जानकारी के मुताबिक यह प्रस्ताव रूस को भेज दिया गया है। इसके बाद योजना की मंजूरी को लेकर फ़िलहाल सबकी निगाहें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर जा टिकी हैं।
अमेरिका और युक्रेन द्वारा तैयार इस योजना के अनुसार यूक्रेन की संप्रभुता को रूप से मान्यता दी जाएगी। जेलेंस्की ने कहा है कि समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले सभी देश यह स्वीकार करेंगे कि यूक्रेन एक संप्रभु राष्ट्र है।
योजना के तहत यूक्रेन और रूस के बीच एक गैर-आक्रामकता समझौता भी होगा। इसके अलावा यूक्रेन को मजबूत सुरक्षा गारंटी दी जाएगी और शांति के समय में उसकी सेना की संख्या 8 लाख बनी रहेगी। अमेरिका, नाटो और यूरोपीय देश यूक्रेन को नाटो के आर्टिकल-5 जैसी सुरक्षा गारंटी देंगे। योजना के तहत अगर रूस फिर से यूक्रेन पर हमला करता है तो रूस पर सभी वैश्विक प्रतिबंध दोबारा लागू होंगे। वहीं अगर यूक्रेन बिना उकसावे के रूस पर हमला करता है तो ये सुरक्षा गारंटी लागू नहीं होंगी।
पुतिन की मिलेगी रजामंदी?
यूक्रेन के कुछ क्षेत्रों को लेकर दोनों देशों के बीच असहमति बनी हुई है। रूस ने यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र को अपने में शामिल करने का दावा किया है। पुतिन पहले ही कह चुके हैं कि वह यूक्रेन से जमीन छोड़ने की मांग पर कोई समझौता नहीं करेंगे। वहीं, जेलेंस्की साफ कर चुके हैं कि यूक्रेन रूस द्वारा कब्जाए गए इलाकों को कभी रूस का हिस्सा नहीं मानेगा।
जेलेंस्की ने कहा कि यूरोप के दूसरे देशों को भी डर है कि रूस कभी उन्हें अपनी ऐतिहासिक जमीन बता सकता है, इसलिए रूस की इस सोच से सुरक्षा जरूरी है। वहीं पुतिन का कहना है कि अगर बातचीत से बात नहीं बनी, तो रूस सैन्य ताकत की मदद से इन इलाकों को हासिल करेगा। उन्होंने यह भी कहा है कि शांति के लिए दुनिया को युद्ध में रूस की जीत को स्वीकार करना होगा।
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