img-fluid

भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाना चाहता है रूस, चीन को लगेगी मिर्ची!

December 06, 2024

नई दिल्‍ली. भारत (India) पूरी दुनिया (World) में एक लीडर (Leader) के रूप में उभरता हुआ देश बन रहा है. रूस (Russia) भी भारत में कारोबार के अवसर बढ़ाने की तैयारी में है. यही कारण है कि अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने भारत के ‘मेक इन इंडिया’ (make in india) कार्यक्रम की जमकर तारीफ की. साथ ही भारत में मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट लगाने की बात कही है. इस बीच भारत सरकार ने गुरुवार को पुतिन के हवाले से कहा कि रूसी तेल उत्पादक कंपनी रोसनेफ्ट ने हाल ही में भारत में 20 अरब डॉलर का निवेश किया है.

बयान के अनुसार, पुतिन ने बुधवार को 15वें वीटीबी रूस कॉलिंग इन्वेस्टमेंट फोरम में कहा कि हम भारत में अपना मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए भी तैयार हैं. हमारा मानना ​​है कि भारत में निवेश करना लाभदायक है. पुतिन का यह बयान अगले साल की शुरुआत में उनकी भारत यात्रा से पहले आया है. भारत की ओर रूस का ये कदम चीन जैसे कुछ देशों को पसंद नहीं आएगा.


भारत आने वाले हैं पुतिन
पुतिन अगले साल की शुरुआत में भारत आने वाले हैं. यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी. क्रेमलिन ने कहा कि यात्रा की तैयारियां चल रही हैं. रूसी राष्ट्रपति ने जनवरी में कहा था कि रोसनेफ्ट भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना बना रही है, जिसके बाद जुलाई में सरकारी अधिकारियों ने कहा था कि भारत रोसनेफ्ट और अन्य तेल कंपनियों के साथ सौदे कर सकता है, क्योंकि वह रूस के साथ अपनी ऊर्जा को मजबूत करना चाहता है.

रोसनेफ्ट ने भी भारत को अपना “रणनीतिक साझेदार” बताया और कहा कि वह तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के उत्पादन, शोधन और व्यापार के लिए भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग कर रहा है.

भारत-रूस के बीच संबंध
भारत और रूस के बीच लंबे समय से दोस्ती रही है, जो सोवियत संघ के समय से चली आ रही है. दोनों देशों के बीच मजबूत कूटनीतिक और डिफेंस सिक्‍योरिटी हैं. हालांकि भारत ने यूक्रेन में रूस के संघर्ष की निंदा करने से परहेज किया है, लेकिन उसने लगातार दोनों पक्षों से कूटनीतिक माध्यमों से इस मुद्दे को सुलझाने का आह्वान किया है.

रूस के इस कदम से पश्चिमी देश निराश
चल रहे संघर्ष के बीच, भारत ने राष्ट्रीय हित को प्राथमिक कारण बताते हुए, किफायती रूसी तेल के अपने आयात में उल्लेखनीय वृद्धि की है. इस कदम से पश्चिमी देशों में निराशा पैदा हुई है. युद्ध की शुरुआत के बाद से, रूस भारत के प्रमुख तेल आपूर्तिकर्ता के रूप में इराक से आगे निकल गया है, क्योंकि भारतीय रिफाइनर ने रूसी कच्चे तेल का लाभ उठाया है, जिसे पश्चिमी देश ठुकराते रहे हैं.

भारत और रूस के बीच कारोबार को दोगुना करने का लक्ष्‍य
2030 में रूस और भारत के बीच व्यापार लगभग दोगुना होकर 65 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो मुख्य रूप से भारत के तेल आयात पर निर्भर करेगा. दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक कुल व्यापार मात्रा को 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना है.

Share:

  • IND vs AUS: एडिलेड टेस्ट के नतीजें से टीम इंडिया के WTC Points Table पर क्या पड़ेगा असर? जानें

    Fri Dec 6 , 2024
    नई दिल्‍ली । इंडिया वर्सेस ऑस्ट्रेलिया(india vs australia) 5 मैच की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy)का दूसरा मुकाबला आज यानी, शुक्रवार 6 दिसंबर से एडिलेड(Adelaide from 6 December) में खेला जाना है। यह पिंक बॉल टेस्ट मैच होगा जो दूधिया रोशनी में खेला जाएगा। यह मैच भारतीय टीम के लिए कई मायनों में खास […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved