कीव। यूक्रेन के राष्ट्रपति और संयुक्त राष्ट्र (UN) की परमाणु एजेंसी (Nuclear Agency) के प्रमुख लगातार रूस के अधीन जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र की सुरक्षा से जुड़े बढ़ते खतरे के बारे में चेतावनी दे रहे हैं। पिछले सप्ताह युद्ध की तीव्रता बढ़ने के दौरान इसकी बाहरी विद्युत आपूर्ति पूरी तरह कट गई थी। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक राफेल मैरियानो ग्रॉसी के मुताबिक, आपातकालीन डीजल जनरेटर संयंत्र के छह बंद रिएक्टरों और ईंधन भंडारण के लिए आवश्यक शीतलन सिस्टम को बिजली दे रहे हैं। यूरोप के इस विशालतम परमाणु संयंत्र को फिलहाल कोई तात्कालिक खतरा नहीं है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि परमाणु सुरक्षा के लिहाज से यह स्थिति बिल्कुल भी स्थाई नहीं है।
वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की का कहना है कि बैकअप जनरेटर को इतनी लंबी अवधि तक चलाने की कभी जरूरत नहीं पड़ी। मंगलवार की देर शाम उन्होंने स्थिति को चिंताजनक बताते हुए कहा कि ये जनरेटर और संयंत्र मूल रूप से ऐसी स्थिति के लिए तैयार नहीं किए गए हैं। बता दें कि जापोरिज्जिया दुनिया के दस सबसे बड़े परमाणु संयंत्रों में शुमार है, और युद्धग्रस्त परिस्थितियों के बीच यहां भविष्य में संभावित परमाणु हादसे की आशंकाएं पैदा हो गई हैं। 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर पूर्ण सैन्य कार्रवाई शुरू होने के महज कुछ दिनों बाद रूसी सेनाओं ने इसे कब्जे में ले लिया था।
दूसरी ओर वियना स्थित IAEA युद्ध के दौरान सख्त रवैया अपना रही है। वह परमाणु सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने को इच्छुक है और किसी भी पक्ष को नाराज किए बिना खतरों की चेतावनी जारी कर रही है। बता दें कि यूक्रेन में कुल चार परमाणु संयंत्र हैं, लेकिन जापोरिज्जिया ही रूस के कब्जे वाला एकमात्र ऐसा संयंत्र है।
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