
नई दिल्ली । कर्नाटक पुलिस(Karnataka Police) ने जुलाई में गोकर्ण गुफाओं(Gokarna Caves) में अपने बच्चों के साथ रह रही रूसी महिला(Russian woman) को पकड़ा था। दो महीने से जारी उठा पटक के बाद अब हाई कोर्ट की अनुमति से उसके वापस रूस जाने का रास्ता साफ हो गया है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने महिला के पूर्व पति द्वारा लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नीना कुटिना और उसकी दो बेटियों के लिए यात्रा दस्तावेज जारी करने का आदेश दे दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक महिला के पूर्व पति इजरायली नागरिक ड्रोर श्लोमो गोल्डस्टीन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करके गुहार लगाई थी केंद्र सरकार को दोनों नाबालिग बच्चियों को तुरंत निर्वासित करने से रोका जाए। गोल्डस्टीन जो कि दूसरी बेटी का पिता है उसकी वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने भारत छोड़ने से पहले लंबे समय तक तीनों मां बेटी की देखभाल की है। हालांकि महिला द्वारा कोर्ट से अनुरोध किया गया था कि उसे उसके बच्चों के साथ रूस वापस जाने दिया जाए।
जुलाई में केंद्र सरकार ने अदालत को बताया था कि मां और बेटियों को तुरंत रूस वापस नहीं भेजा जा सकता क्योंकि दूसरी बेटी के पास उसके जन्म का भी कोई उचित रिकॉर्ड नहीं है। न ही उनके पास कोई यात्रा दस्तावेज हैं। हालांकि शुक्रवार को केंद्र सरकार की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अरविंद कामथ ने अदालत को बताया कि नीना की बेटी और उसके माता-पिता की पुष्टि करने वाली एक डीएनए रिपोर्ट रूसी अधिकारियों के साथ साझा की गई थी। इसके बाद उन्होंने बच्ची को रूसी नागरिकता प्रदान की और अल्पकालिक यात्रा के लिए दस्तावेज जारी कर दिए। इसलिए उसे जल्द से जल्द रूस भेजना होगा।
इसके बाद न्यायमूर्ति बीएम श्याम ने आदेश जारी करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता इस बात को स्पष्ट नहीं कर पाया है कि आखिर किन परिस्थितियों की वजह से मां और दोनों बच्चे गुफा में पहुंचे। इसके अलावा बच्चों के पुनर्वास पर भी सवाल है। ऐसे में इस मामले में बच्चों के सर्वोत्तम हित विचार करना उचित रहेगा। ऐसे में केंद्र इनको यात्रा दस्तावेज उपलब्ध कराए।
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