
डेस्क: रूस (Russia) और अमेरिका (America) के रिश्ते (Relations) सुधरने के बजाय बिगड़ रहे हैं. कहां डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) रूस-यूक्रेन के बीच समझौता कराना चाहते थे और कहां अब अमेरिका ही पुतिन की नज़रों में खटक रहा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) अपने देश में मौजूद अमेरिकी ऐप्स (Apps) तक को बर्दाश्त नहीं कर रहे हैं. अब उन्होंने दुनियाभर में लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप WhatsApp की भी रूस से विदाई का इंतज़ाम कर दिया है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश में विदेशी मैसेजिंग ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में एक और कदम उठाया है. उन्होंने अधिकारियों से WhatsApp जैसे विदेशी मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स का उपयोग बंद करने और अगले कुछ वर्षों में विकसित की जाने वाली नेशनल मैसेंजर सर्विस को अपनाने की अपील की है.
WhatsApp इस वक्त में रूस में उपयोग होने वाला अंतिम प्रमुख विदेशी मैसेजिंग ऐप है. अब रूसी सरकार इसे हटाकर देश में विकसित एक सुरक्षित और स्वदेशी विकल्प लाने की तैयारी में है. राष्ट्रपति पुतिन की इस पहल के तहत रूसी संसद (ड्यूमा) ने एक संघीय कानून पारित किया है, जो मैसेजिंग सेवा के विकास और उसके उपयोग से जुड़ी व्यवस्था को लेकर नियम-कानून तय करेगा.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह सेवा पूरी तरह रूसी-निर्मित सॉफ़्टवेयर पर आधारित होगी और सरकारी सेवाओं के पोर्टल गोसुसलुगी के साथ यूनिफाइड होगी. इससे यूजर्स अपनी आइडेंटिटी वेरिफाई कर सकेंगे, डिजिटल दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे, ट्रांजैक्शन रजिस्टर्ड कर सकेंगे और इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर के ज़रिए प्रमाणिक दस्तावेज भी शेयर कर सकेंगे.
पेस्कोव ने कहा – ‘राष्ट्रीय मैसेंजर का विकास एक स्वागत योग्य कदम है बशर्ते ये वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सके. हम चाहते हैं कि इसकी क्वालिटी बेस्ट हो और ये विदेशी विकल्पों से बेहतर हो.’ उन्होंने जोर दिया कि जितना कॉम्पटीशन होगा, उतने बेहतर प्रोडक्ट सामने आएंगे. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में मैसेजिंग ऐप्स गलाकाट प्रतिस्पर्धा में ही फलते-फूलते हैं. हमारे देश में भी एक नहीं, बल्कि कई राष्ट्रीय मैसेंजर विकसित होने चाहिए.
यह कदम उस ग्लोबल ट्रेंड का हिस्सा है जिसमें कई देश मैसेजिंग और साइबर सिक्योरिटी के लिए अपने स्थानीय संचार प्लेटफॉर्म विकसित कर रहे हैं. चीन, वियतनाम, जापान और दक्षिण कोरिया पहले ही अपने-अपने होमग्रोन मैसेजिंग ऐप्स विकसित कर चुके हैं और अब रूस भी उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है. ये न सिर्फ तकनीकी आत्मनिर्भरता बल्कि साइबर कंट्रोल और राजनीतिक के नज़रिये से भी अहम कदम है. इसके ज़रिये रूस अपनी सूचनाओं को किसी भी तरह से अमेरिका तक ट्रांसमिट होने से बचाना चाहता है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved