
नई दिल्ली। साध्वी ऋतंभरा (Sadhvi Ritambhara) ने अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Temple) के निर्माण को लेकर रविवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया या आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी नहीं होने के बावजूद अयोध्या राम मंदिर आंदोलन (Ayodhya Ram Temple movement) सफल हुआ, क्योंकि उसका संदेश हर दिल में सच्चे और स्वाभाविक रूप से गूंजा। साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि राम जन्मभूमि मुद्दे को लेकर चला संघर्ष ऐसे संकल्प की परिणति थी जिसका कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा, ‘हमारा काम राम जी के कार्य के लिए है।’
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि मंदिर का निर्माण इस बात का प्रमाण है कि एक दृढ़ संकल्पित और एकजुट समाज क्या हासिल कर सकता है। उन्होंने पुणे में एक कार्यक्रम में कहा, ‘राष्ट्र की सच्ची मजबूती केवल भौतिक शक्ति में नहीं, बल्कि चरित्र की प्रमाणिकता और आंतरिक विभाजनों को दूर करने में निहित है।’ उन्होंने कहा कि मानवीय संकल्प में पर्वतों को उखाड़ फेंकने और पत्थर को पानी में बदल देने की शक्ति होती है, लेकिन यह शक्ति तभी सार्थक है जब वह आत्मसंयम पर आधारित हो।
राम मंदिर प्रतिष्ठा द्वादशी का 5 दिवसीय आयोजन
साध्वी ऋतंभरा ने दमितों की रक्षा के लिए प्रयास करने का आह्वान भी किया। दूसरी ओर, राम मंदिर प्रतिष्ठा द्वादशी के पांच दिवसीय आयोजन का कार्यक्रम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने जारी कर दिया है। राम मंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के कार्यक्रमों की शुरुआत 29 दिसंबर से होगी। 31 दिसंबर को प्रतिष्ठा द्वादशी का मुख्य कार्यक्रम है जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शिरकत करेंगे। कार्यक्रमों में नियमित मानस पाठ, कथा के अतिरिक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम सायंकाल से रात 9 बजे तक होंगे।
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