
रांची । सहारा समूह (Sahara Group) द्वारा 400 करोड़ से अधिक के फर्जीवाड़े से जुड़े केस (fraud case) में सीआईडी (CID) ने सहारा इंडिया के बोकारो के जोनल मैनेजर सुंदर झा (Zonal Manager Sundar Jha) को गिरफ्तार किया। सीआईडी की टीम ने सुंदर को मधुबनी के पंडौल से गिरफ्तार किया। इसके बाद उसे रांची लाया गया। शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इससे पूर्व 28 जुलाई को सीआईडी ने इसी केस में रांची के जोनल मैनेजर रहे संजीव कुमार को गिरफ्तार किया था। संजीव की गिरफ्तारी पटना के बाढ़ से हुई थी। सुंदर और संजीव की गिरफ्तारी 30 नवंबर 2024 को सीआईडी थाने में दर्ज केस में की गई। इस मामले में सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय (अब मृत), उनकी पत्नी स्वपना रॉय, भाई जयब्रत रॉय, बेटे सुशांतो व सीमांतो रॉय, ओम प्रकाश श्रीवास्तव, देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव, नीरज कुमार पाल, सुंदर झा और संजीव कुमार आरोपी हैं। सहारा समूह की कंपनियों- सहारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपरपस सोसायटी लि., हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट्स रेंज लिमिटेड, सहारा क्यू शॉप ईस्ट सहारा इंडिया कमर्शियल को-ऑपरेशन लिमिटेड को भी सीआईडी की एफआईआर में आरोपी बनाया गया था।
जोनल मैनेजर सुंदर झा की कोर्ट में पेशी, भेजे गए जेल
सहारा इंडिया समूह द्वारा राज्य के निवेशकों से करोड़ों रुपए की ठगी करने के मामले में बोकारो के जोनल मैनेजर सुंदर झा को सीआईडी ने गिरफ्तार कर शुक्रवार को सीआईडी कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में लेते हुए दो सितंबर तक के लिए जेल भेज दिया गया है। उनकी गिरफ्तारी बिहार के मधुबनी जिले से हुई है। झारखंड की सीआईडी ने कार्रवाई करते हुए मधुबनी से ट्रांजिट रिमांड पर रांची कोर्ट में पेश किया। इसी मामले में पूर्व में गिरफ्तार आरोपी सहारा इंडिया रांची के जोनल चीफ संजीव कुमार को पुलिस रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद शुक्रवार को सीआईडी कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें भी जेल भेज दिया गया।
ढाई लाख से अधिक निवेशकों को भुगतान नहीं
झारखंड के करीब ढाई लाख से अधिक निवेशकों के लगभग 40 हजार करोड़ रुपये की मैच्योरिटी अमाउंट का भुगतान नहीं किए जाने को लेकर सीआईडी ने केस दर्ज किया है। सहारा समूह ने न केवल निवेशकों के पैसे का दुरुपयोग किया, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के 2013 के आदेश की अवहेलना भी की है। सीआईडी की जांच में इसका खुलासा हुआ है। बोकारो, धनबाद, बेगूसराय और पटना में अपनी अचल संपत्तियों को सेबी द्वारा निर्धारित मूल्य से कम दाम पर बेच दिया।
जांच में दोषी, पर विदेशी नागरिकता बन रही बाधा
सीआईडी ने ठगी के केस में सहारा प्रमुख व उनके परिजनों को जांच में दोषी पाया है। लेकिन सहारा प्रमुख की पत्नी स्वपना रॉय, बेटे सीमांतो रॉय व सुशांतो रॉय मैसेडोनिया की नागरिकता ले चुके हैं। मैसेडोनिया में निवेश के आधार पर सहारा प्रमुख के परिजनों ने नागरिकता ली है। साथ ही भारत के साथ प्रत्यर्पण संधि भी नहीं होने का लाभ आरोपियों को मिल रहा है। सीआईडी के अधिकारियों के मुताबिक, इस केस में फरार चल रहे आरोपियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया जाएगा।
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