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UK के चमगादड़ हॉर्स शू बैट में मिला सार्स-कोव-2, इसी से फैलता है कोरोना वायरस

July 21, 2021

नई दिल्ली। यूनाइटेड किंगडम में एक खास तरह के चमगादड़ हॉर्स शू बैट (Horse Shoe Bat) में सार्स-कोव-2 (SARS-CoV-2) पाया गया है जिसकी वजह से मनुष्य कोरोना वायरस (Corona Virus) से संक्रमित होते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया, जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन (ZSL) और पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) के सहयोग से किए गए एक शोध में यह सामने आया है. हालांकि, शोधकर्ताओं ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वायरस मनुष्यों में फैला है या यह कि भविष्य में यह फैला सकता है, जब तक कि यह उत्परिवर्तित (Mutate) न हो जाए.

नया वायरस सरबेकोवायरस (Sarbecovirus) नामक कोरोना वायरस (Corona Virus) के उपसमूह के अंतर्गत आता है जिसमें सार्स-कोव-2 और सार्स-कोव दोनों शामिल हैं. कोविड-19 (Covid19) के लिए सार्स-कोव-2 (SARS-CoV-2) जिम्मेदार है, जबकि सार्स-कोव जो 2003 सार्स प्रकोप की वजह बना था. ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने समरसेट, ग्लॉस्टरशायर और वेल्स जैसे स्थानों से 50 से अधिक या कम हॉर्सशू चमगादड़ों से मल के नमूने एकत्र किए. विश्वविद्यालय की वेबसाइट के मुताबिक नमूनों को वायरल विश्लेषण (Viral Analysis) के लिए पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड भेजा गया था.

चमगादड़ के नमूनों की जीनोम अनुक्रमण (Genome Sequencing) ने एक सैम्पल में नोवेल कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता लगाया है. इसे रिसर्च टीम द्वारा ‘RhGB01’ नाम दिया गया है. सार्स से संबंधित कोरोना वायरस, सरबेकोवायरस को पहली बार घोड़े की नाल वाले चमगादड़ में पाया गया है और यह यूनाइटेड किंगडम में खोजा जाने वाला ऐसा पहला वायरस भी है.


शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि चमगादड़ ने ‘लगभग निश्चित रूप से’ बहुत लंबे समय तक वायरस को बरकरार रखा होगा और यह पहली बार है जब इसका परीक्षण किया गया है और अब ऐसा पाया गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक वायरस उत्परिवर्तित (Mutate) नहीं होता, उससे मनुष्यों के लिए सीधा खतरा पैदा होने की संभावना नहीं के बराबर है.

शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर एक कोविड -19 संक्रमित इंसान वायरस को संक्रमित चमगादड़ में भेजता है, तो वायरस उत्परिवर्तित (Mutate) हो सकता है. उन्होंने चमगादड़ों या उनकी बूंदों के संपर्क में आने वाले किसी भी व्यक्ति को उपयुक्त व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) पहनने के लिए भी कहा. यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया की प्रोफेसर डायना बेल ने कहा, ‘हॉर्सशू चमगादड़ पूरे यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं और जिन चमगादड़ों का हमने परीक्षण किया है, वे उनकी सीमा के पश्चिमी छोर पर हैं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमारा शोध इस प्रकार के वायरस की भौगोलिक और प्रजातियों दोनों श्रेणियों पर विस्तार से चर्चा करता है और हॉर्सशू चमगादड़ की 90 से अधिक प्रजातियों में उनकी अधिक व्यापक मौजूदगी का सुझाव देता है.’

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