
जबलपुर। श्रद्धया इदं श्राद्ध अर्थात् अपने पूर्वजों की आत्मिक संतुष्टि व शांति और मृत्यु के बाद उनकी निर्बाध अनंत यात्रा के लिए पूर्ण श्रद्धा से अर्पित कामना, प्रार्थना, कर्म व प्रयास को श्राद्ध कहते हैं। पितृपक्ष में गजछाया योग होने पर तर्पण और श्राद्ध करने से वंश वृद्धि, धन संपत्ति और पितरों से मिलने वाले आशीर्वाद प्राप्त होता है। सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या के दिन पितृ पक्ष समाप्त होते हैं और पितर प्रसन्न होकर अपने लोक जाते हैं। इस साल सर्वपितृ अमावस्या 2 अक्टूबर को है। जिसके चलते शहर के नर्मदा तटों पर श्राद्ध करने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। बुधवार सुबह से ही तटों पर तर्पण और श्राद्ध करने वालों को भीड़ पहुंची।
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