सऊदी अरब । सऊदी अरब (Saudi Arabia) ऐसा देश है जहां अपराध करने पर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान है। ड्रग तस्करी समेत ऐसे कई अपराध हैं जिनके लिए सीधे मौत की सजा (Death Penalty) दी जाती है। एमनस्टी इंटरनेशन ने कहा कि सऊदी अरब में बिना हिंसा वाले ड्रग्स के मामलों में भी मौत की सजा दे दी जाती है। बीते साल सऊदी अरब में 345 लोगों को मौत की सजा दी गई। इस साल कुल जितने लोगों को मौत की सजा दी गई है उनमें से दो तिहाई ड्रग्स से जुड़े अपराधी हैं। सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा था कि केवल मानव हत्या के मामलों में मौत की सजा दी जाए। हालांकि इसका पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है।
अटलांटिक से बात करते हुए क्राउन प्रिंस ने कहा था, केवल एक कैटिगरी को छोड़कर हम मौत की सजा से छुटकारा पाना चाहते हैं। वह कैटिगरी कुरान में बताई गई है। हम जो कुछ करते हैं वह कुरान की शिक्षा के आधार पर ही करते हैं। सऊदी अरब के अलावा ईरान, कुवैत और यूएई में भी ड्रग्स के मामलों में मौत की सजा दी जाती है। चीन और ईरान के बाद सऊदी अरब में सबसे ज्यादा मौत की सजा दी जाती हैं।
ऐमनेस्टी ने बताया कि कम से कम 25 विदेशी नागरिकों को हाल ही में फांसी की सजा दे दी गई। इन सबको सऊदी अरब के कानून के बारे में भी ठीक से जानकारी नहीं थी। इसके अलावा उन्हें वकील तक मुहैया नहीं करवाया गया था। अगर कोई विदेशी नागरिक फंस जाता है तो उसके सामने समस्या और भी गंभीर होती है।
एजिप्ट के एक एसाम अहमद नाम के शख्स को 2021 में फिशिंग बोट से गिरफ्तार किया गया। उसके परिवार को बताया गया कि ड्रग ट्रैफिंग के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया है। एसाम के परिवार का कहना है कि हर रोज उन्हें यही डर लगा रहता है कि कभी भी एसाम को फांसी की सजा दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि हमें तो अदालत में अपना पक्ष रखने तक का मौका नहीं दिया गया।
2021 में सऊदी अरब के मानवाधिकार आयोग ने ऐलान किया था कि जो लोग ड्रग्स के मामले में जेल में हैं उन्हें सजा में छूट दी जाएगी। हालांकि 3 साल के अंदर ही इस छूट को खत्म कर दिया गया। यह भी नहीं बताया गया कि ऐसा क्यों किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि प्रिंस अगर चाहें तो एक दिन में ही सजा के प्रावधानों में बदलाव कर सकते हैं। वह बड़े स्तर पर अपराधियों को माफ भी कर सकते हैं। हालांकि प्रिंस ऐसा करना नहीं चाहते।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved