
नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry)ने दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj)और सत्येंद्र जैन(satyendra jain) के खिलाफ एसीबी जांच की मंजूरी(approval for ACB probe) दे दी। दोनों नेताओं पर दिल्ली सरकार के अस्पतालों से जुड़ी परियोजनाओं में देरी से संबंधित कथित घोटाले का आरोप है। दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा जांच के लिए की गई सिफारिश के बाद सक्षम प्राधिकारी ने इसे मंजूरी दे दी है।
राजनिवास के सूत्रों के मुताबिक, एसीबी द्वारा इस घोटाले की जांच विजेन्द्र गुप्ता की ओर से 22 अगस्त 2024 को की गई शिकायत के आधार पर की जाएगी। शिकायत में कहा गया कि वर्ष 2018-19 में 24 अस्पताल परियोजनाओं को कुल मिलाकर 5590 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी, लेकिन बेवजह हुई देरी के चलते इनकी लागत में बढ़ोतरी हुई। आरोप है कि परियोजनों में यह देरी जानबूझकर की गई।
दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ एसीबी जांच की मंजूरी दे दी गई है। दोनों पर अस्पतालों से जुड़ी परियोजनाओं में घोटाले का आरोप है। आरोप के मुताबिक, कुल 6800 बिस्तर की क्षमता वाले सात आईसीयू अस्पतालों को सितंबर 2021 में छह महीने के भीतर पूर्व इंजीनियरिंग संचरनाओं के उपयोग से बनाया जाना था। जिसके लिए 1125 करोड़ रुपये की लागत मंजूर की गई थी। लेकिन, तीन साल से अधिक समय बीत जाने और 800 करोड़ की लागत के बाद भी इनका केवल 50 फीसदी काम ही पूरा हुआ।
इसी प्रकार, एनएलजेपी अस्पताल के न्यू ब्लॉक प्रोजेक्ट के लिए 465 करोड़ रुपये की लागत की मंजूरी दी गई थी। चार वर्षों में तीन गुना बढ़कर 1125 करोड़ रुपये हो गई। पालीक्लीनिक्स परियोजना भी भ्रष्टाचार के गठजोड़ के चलते पूरी नहीं हो सकी। स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली को लागू करने में भी एक दशक से अधिक समय की देरी हुई। आरोप है कि इसे जानबूझकर रोका गया ताकि वित्तीय लेन-देन में अस्पष्टता बनी रहे।
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