
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख(Dera Sacha Sauda Chief) गुरमीत राम रहीम सिंह(Gurmeet Ram Rahim Singh) की अस्थायी रिहाई(Temporary release) के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति यानी SGPC ने दायर की थी जिसमें राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने के हरियाणा सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई गई थी। एसजीपीसी ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के अगस्त 2024 के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था। हालांकि जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा है कि यह याचिका व्यापक जनहित के मुद्दे को संबोधित करने के बजाय सिर्फ एक शख्स के खिलाफ है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, “इस मामले को देखते हुए हम याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं।” बता दें कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख अपने दो शिष्यों के साथ बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहे हैं। उच्च न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर राम रहीम अपनी अस्थायी रिहाई या पैरोल के लिए आवेदन दायर करते हैं तो अधिकारियों को उस पर बिना किसी पक्षपात के विचार करना चाहिए।
SGPC ने यह आरोप लगाया गया है कि हरियाणा सरकार राम रहीम को अस्थायी रिहाई देते हुए, हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स (अस्थायी रिहाई) अधिनियम, 2022 की धारा 11 के तहत अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रही थी। एसजीपीसी के वकील ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने 2022 और 2024 के बीच सिंह को बार-बार पैरोल या फरलो दिया।
बता दें कि 2020 के बाद से डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को 12 बार जेल से अस्थाई तौर पर रिहा किया जा चुका है। राम रहीम को दिल्ली विधानसभा चुनाव से 8 दिन पहले रिहा किया गया था। इससे पहले उन्हें पिछले साल अक्टूबर में हरियाणा विधानसभा चुनाव से 3 दिन पहले 20 दिन के पैरोल दी गई थी। जनवरी में लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें 50 दिनों के लिए रिहा किया गया था। वहीं पिछले साल 13 अगस्त को भी उन्हें 21 दिनों के लिए जेल से रिहा किया गया था। इसके बाद हरियाणा पंचायत चुनाव से पहले जुलाई 2023 में भी उन्हें 30 दिन की पैरोल मिली थी।
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