
नई दिल्ली। विंग कमांडर व्योमिका सिंह (Wing Commander Vyomika Singh) पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव (SP’s National General Secretary) प्रो. राम गोपाल यादव (Prof. Ram Gopal Yadav) की ओर से की गई जातिसूचक टिप्पणी (Caste comment) का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सोमवार को भारत रत्न बोधिसत्व बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर महासभा की महिला प्रकोष्ठ की ओर से उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग में अपनी शिकायत दर्ज कराई। इंदिरा भवन स्थित आयोग के कार्यालय में अध्यक्ष बैजनाथ रावत को आंबेडकर महासभा की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रचना चंद्रा की ओर से शिकायती पत्र सौंपा गया। महिला प्रकोष्ठ का कहना है कि रामगोपाल ने 15 मई को मुरादाबाद के बिलारी में एक कार्यक्रम के दौरान जातीय टिप्पणी की थी। व्योमिका सिंह पर जातिसूचक टिप्पणी करके देश की बेटी का अपमान करने के साथ ही पूरे वंचित समाज का अपमान किया है। जिस पर अध्यक्ष ने एससी-एसटी आयोग की पूर्णकालिक पीठ को मामला सौंप दिया।
शिकायतकर्ता रचना चंद्रा ने कहा कि प्रो. राम गोपाल यादव ने जातिसूचक शब्द का प्रयोग कर व्योमिका सिंह नहीं बल्कि पूरे देश का अपमान किया है। अगर वह चाहते तो व्योमिका सिंह को अनुसूचित जाति का बता सकते थे लेकिन उन्होंने जान बूझकर जाटव कहा और उप जाति का भी नाम लिया। ऐसा उन्होंने अपमान करने के उद्देश्य से किया जो कि अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम का खुला उल्लंघन है।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. राम गोपाल यादव की ओर से की गई जातिसूचक टिप्पणी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सोमवार को भारत रत्न बोधिसत्व बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर महासभा की महिला प्रकोष्ठ की ओर से उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग में अपनी शिकायत दर्ज कराई। इंदिरा भवन स्थित आयोग के कार्यालय में अध्यक्ष बैजनाथ रावत को आंबेडकर महासभा की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रचना चंद्रा की ओर से शिकायती पत्र सौंपा गया। महिला प्रकोष्ठ का कहना है कि रामगोपाल ने 15 मई को मुरादाबाद के बिलारी में एक कार्यक्रम के दौरान जातीय टिप्पणी की थी। व्योमिका सिंह पर जातिसूचक टिप्पणी करके देश की बेटी का अपमान करने के साथ ही पूरे वंचित समाज का अपमान किया है। जिस पर अध्यक्ष ने एससी-एसटी आयोग की पूर्णकालिक पीठ को मामला सौंप दिया।
शिकायतकर्ता रचना चंद्रा ने कहा कि प्रो. राम गोपाल यादव ने जातिसूचक शब्द का प्रयोग कर व्योमिका सिंह नहीं बल्कि पूरे देश का अपमान किया है। अगर वह चाहते तो व्योमिका सिंह को अनुसूचित जाति का बता सकते थे लेकिन उन्होंने जान बूझकर जाटव कहा और उप जाति का भी नाम लिया। ऐसा उन्होंने अपमान करने के उद्देश्य से किया जो कि अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम का खुला उल्लंघन है।
आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने कहा कि यह गंभीर मामला है। सपा नेता ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर व्योमिका सिंह को अपमानित किया है। ऐसे में इस मामले की सुनवाई के लिए जल्द ही पूर्ण पीठ बैठेगी और सुनवाई कर अपना फैसला देगी। शिकायत करने आयोग पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में सावित्री चौधरी, डा. सत्या दोहरे, एडवोकेट सविता, पूनम मलिक, शांति देवी व नीलम आदि मौजूद रहीं।
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