
चंडीगढ़ । मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Chief Minister Nayab Singh Saini) ने कहा कि वैज्ञानिक (Scientists) विज्ञान का लाभ (Benefits of Science) समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाएं (Reach to the Last Person in the Society) । उन्होंने कहा कि जब उनका ज्ञान एक किसान की फसल बढ़ाता है, जब शोध एक मरीज की बीमारी ठीक करता है, जब नवाचार एक उद्यमी को सशक्त करता है, तभी विज्ञान सही मायने में ’समृद्धि’ लाता है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री रविवार को पंचकूला के सेक्टर-5 में आयोजित चार दिवसीय 11वें इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। नायब सिंह सैनी ने समारोह में स्टूडेंटस साईंस एंड टैक्नोलॉजी विलेज का उद्घाटन किया। इस विलेज को आधुनिक भारत का ’नया नालंदा’ की संज्ञा दी गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया और विज्ञान एवं नवाचार के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों में गहरी रूचि दिखाई।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि विज्ञान केवल करियर नहीं है, राष्ट्र निर्माण का माध्यम है। युवा, छात्रों और वैज्ञानिकों से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि वे ही भारत की वह पीढ़ी हैं जो भारत को विकसित बनाएगी। उन्होंने सभी वैज्ञानिकों, शोध संस्थानों, उद्योग जगत और स्टार्ट-अप्स से अनुरोध किया कि सब मिलकर विज्ञान आधारित विकास मॉडल बनाएं, जो हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण जीवन दे, भारत को वैश्विक नेतृत्व प्रदान करे और पर्यावरण की सुरक्षा कर इस धरती पर सतत भविष्य सुनिश्चित करे।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह का आभार प्रकट करते है कि उन्होंने इतने बड़े साइंस फेस्टिवल के लिए हरियाणा को दूसरी बार मेजबानी का अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि इस 4 दिवसीय ’विज्ञान महाकुंभ’ में देश-विदेश के 40 हजार से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें खुशी है कि इस कार्यक्रम में विशेष रूप से जम्मू एवं कश्मीर, लद्दाख तथा उत्तर और पश्चिम राज्यों के युवाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है, ताकि देश का हर क्षेत्र वैज्ञानिक प्रगति के पथ पर साथ चल सके।
साइंस फेस्टिवल का उल्लेख करते हुए नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह पर्व विज्ञान, नवाचार, स्टार्ट अप ऊर्जा, भविष्य की तकनीक और नए भारत के सपनों का संगम है। उन्होंने कहा कि इस साइंस फेस्टिवल का थीम ’आत्मनिर्भर भारत के लिए विज्ञान से समृद्धि’ अत्यंत प्रासंगिक है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को ’विकसित राष्ट्र’ बनाने का संकल्प रखा है। उनके नेतृत्व में भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रहा है। भारत अपने बलबूते चांद, सूरज व अंतरिक्ष का अध्ययन करने वाले, क्वांटम तकनीक से लेकर डीप-टेक, ए.आई., ड्रोन और बायोटेक्नोलॉजी तक में संसार के अग्रणी देशों में शामिल हो चुका है।
यह साइंस फेस्टिवल भी प्रधानमंत्री के ’विकसित राष्ट्र’ के संकल्प को सिद्ध करने की दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि आज विज्ञान नीति निर्माण का आधार है और नई तकनीक विकास का इंजन है। इस महोत्सव का एक और उद्देश्य प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में भारत की वैज्ञानिक उत्कृष्टता को विश्व पटल पर दिखाना है।
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