img-fluid

SC का बड़ा कदम, लंबित मामलों के निपटारे के लिए उच्च न्यायालयों में नियुक्त होंगे अस्थाई जज

January 22, 2025

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को उच्च न्यायालयों (High Courts.) में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि अब समय आ गया है कि उच्च न्यायालयों (High Courts) में अस्थायी जजों की नियुक्ति (Appointment of Temporary Judges) की जाए। ये जज स्थायी जज की अध्यक्षता वाली बेंच में शामिल होकर अपराध से संबंधित अपीलों का निपटारा करेंगे। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 224A का संदर्भ लिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश संजीव खन्ना, न्यायधीश बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालयों में अपराध से संबंधित अपीलों का निस्तारण पर्याप्त नहीं हो पा रहा है। जजों के बीच मामलों का निस्तारण अत्यधिक बढ़ चुका है। उन्होंने 2021 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले में संशोधन की आवश्यकता की बात की है ताकि उच्च न्यायालयों में अस्थायी जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।


अत्यधिक लंबित मामलों के कारण कई अपराधी सजा भुगतने के बाद भी अपनी अपीलों पर फैसले का इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले भी इन मामलों की लंबित स्थिति पर चिंता जताई थी।

अलीगढ़ हाईकोर्ट में 2000 से 2021 के बीच अपराधिक मामले से जुड़े अपीलों पर फैसला सुनाने की गति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आंकड़े प्रस्तुत किए। इसके अनुसार एक नई अपील पर फैसला सुनाने में औसतन 35 साल लगते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 21 साल में 1.7 लाख अपीलें दायर की गईं जबकि केवल 31,000 मामलों पर ही फैसला सुनाया गया।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बताया कि इस समय अलीगढ़ हाईकोर्ट में लगभग 63000, पटना हाईकोर्ट में 20000, कर्नाटक हाईकोर्ट में 20000 और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में 21000 ऐसे आपराधिक अपीलें हैं जो कि लंबित हैं। कोर्ट ने कहा कि अस्थायी जजों की नियुक्ति इस समस्या को हल करने के लिए एक प्रभावी उपाय हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह केवल अपराधिक मामलों से जुड़ी अपीलों तक सीमित रहेगा।

हाईकोर्ट में जजों के रिक्त पदों का समाधान
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ उच्च न्यायालयों में एक जज के नाम पर बहुत अधिक मामले लंबित हैं। पीठ ने यह भी सुझाव दिया कि अपराध से जुड़ी अपीलों के मामलों की सुनवाई में एक स्थायी जज और एक अस्थायी जज को शामिल किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने 2021 के अपने फैसले की समीक्षा की, जिसमें अस्थायी जजों की नियुक्ति के लिए दिशा-निर्देश दिए गए थे। पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर. वेण्कटरमणि से इस पर राय मांगी है।

कैसे चुने जाएंगे अस्थायी जज?
सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट किया था कि अस्थायी जजों की नियुक्ति का निर्णय केवल उन्हीं परिस्थितियों में लिया जाएगा, जब किसी उच्च न्यायालय में जजों की रिक्तियां 20% से अधिक हों। साथ ही यह स्पष्ट किया गया था कि अनुच्छेद 224A का प्रयोग नियमित नियुक्तियों के विकल्प के रूप में नहीं किया जाएगा।

पीठ ने कहा, “हमने उच्च न्यायालयों और भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत शपथपत्रों पर गहन विचार किया है। इस समय अस्थायी जजों की नियुक्ति की आवश्यकता को देखते हुए यह आवश्यक है कि हम कुछ दिशानिर्देश तैयार करें, ताकि उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को सहायता मिल सके और इस प्रावधान को सक्रिय रूप से लागू किया जा सके।”

Share:

  • महाकुंभ की व्यवस्था देख गदगद हुईं सुधा मूर्ति, सीएम योगी की सराहना की; कहा- भागवान जी लंबी उम्र देना

    Wed Jan 22 , 2025
    नई दिल्‍ली । राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP)और समाजसेवी सुधा मूर्ति(Social worker Sudha Murthy) ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj of Uttar Pradesh)में चल रहे महाकुंभ मेले (Maha Kumbh Fairs)में भाग लिया और पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान किया। इस दौरान उन्होंने तर्पण कर अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। वह यहां तीन दिनों […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved