
मुम्बई। ब्रिकवर्क रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितम्बर) में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कुछ अच्छी खबरें हैं। उच्च आवृत्ति वाले कुछ संकेतक अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत दे रहे हैं।
ब्रिकवर्क द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक यदि सरकार ने अर्थव्यवस्था को तत्काल सहारा देने के लिए कोई कदम नहीं भी उठाया तो सितम्बर तिमाही में 13.5 फीसदी और चालू वित्त वर्ष में करीब 9.5 फीसदी की गिरावट आ सकती है। ज्ञात हो कि पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
इस बीच विनिर्माण के खरीद प्रबंध सूचकांक (पीएमआई) में तेज सुधार देखने को मिला है। ये सूचकांक अगस्त में 52 था, जो सितम्बर में 56.8 पर पहुंच गया। दरअसल ये आठ साल की सबसे बड़ी तेजी है। वहीं, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह पिछले साल सितम्बर की तुलना में इस बार 3.8 फीसदी बढ़कर 95,480 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो अगस्त 2020 की तुलना में 10 फीसदी अधिक रहा।
इसके अलावा यात्री वाहनों की बिक्री में भी 31 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है। रेलवे माल ढुलाई में भी 15 प्रतिशत तेजी आई है। वहीं, छह महीने के अंतराल के बाद वस्तुओं के निर्यात में भी 5.3 फीसदी की वृद्धि आई है। (एजेंसी, हि.स.)
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