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ओंकारेश्वर में सुरक्षा इंतजाम नदारद, दो दिन में तीन डूबने की घटनाओं से मचा हड़कंप

September 08, 2025

ओंकारेश्वर। नर्मदा नदी के घाटों (Ghats of Narmada River) पर रविवार और सोमवार का दिन दर्दनाक हादसों का गवाह बना। दो दिनों में अलग-अलग घाटों पर डूबने की तीन घटनाएं हुईं। इनमें जहां आठ श्रद्धालुओं की जान बचा ली गई, वहीं राजस्थान (Rajasthan) से आए एक युवक ने अपनी जान गंवा दी। युवक ने बहादुरी दिखाते हुए अपने साथियों को तो बचा लिया, लेकिन खुद तेज धारा में बह गया। इस घटना के बाद श्रद्धालुओं में दहशत और प्रशासन के खिलाफ गुस्सा साफ दिखाई दिया।

राजस्थान के पाली जिले के रहने वाले उमेश सिंह उर्फ़ चिराग सिंह मेवाड़ा अपने परिजनों और दोस्तों के साथ नर्मदा स्नान के लिए ओंकारमठ घाट पहुंचे थे। स्नान के दौरान अचानक दो युवक गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। उन्हें बचाने के लिए उमेश ने बिना देर किए नदी में छलांग लगा दी। उन्होंने दोनों युवकों को धक्का देकर सुरक्षित किनारे तक पहुँचा दिया, लेकिन खुद नर्मदा की तेज धारा में बह गए। हादसे के बाद उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।


उसी दिन ओंकार घाट पर दो युवक डूबते-डूबते बच गए। स्थानीय नाविकों ने उन्हें समय रहते सुरक्षित बाहर निकाल लिया। वहीं चक्रतीर्थ घाट पर भी चार से अधिक श्रद्धालुओं को नाविकों ने अपनी जान जोखिम में डालकर बचाया। इस तरह दो दिनों में तीन बड़ी घटनाओं में आठ लोगों की जान तो बच गई, लेकिन उमेश सिंह को नहीं बचाया जा सका।

नाविक संघ के गोताखोर लगातार श्रद्धालुओं की जान बचाने में जुटे रहते हैं। नाविक दीपक, सुमित और कालू ने बताया कि उनके पास न तो ऑक्सीजन सिलेंडर है और न ही रेस्क्यू किट। केवल नाव और अपनी हिम्मत के भरोसे ही वे लोगों की मदद करते हैं। कई बार डूबता व्यक्ति उन्हें पकड़ लेता है, जिससे उनकी अपनी जान पर भी खतरा मंडराने लगता है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि घाटों पर सुरक्षा के नाम पर कोई इंतजाम नहीं है। न तो सुरक्षा नावें तैनात हैं और न ही प्रशिक्षित लाइफगार्ड। श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, घाट छोटे पड़ते जा रहे हैं और हादसों का सिलसिला जारी है। लोगों का कहना है कि सिंहस्थ 2028 की तैयारियों में अरबों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन रोज़मर्रा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा की ओर प्रशासन का ध्यान नहीं है।

स्थानीय समाज ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि ओंकारेश्वर मंदिर से लेकर संगम घाट तक नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर नए और सुरक्षित घाटों का निर्माण किया जाए। साथ ही प्रशिक्षित गोताखोर, मोटर बोट, लाइफ जैकेट और रेस्क्यू किट की तत्काल व्यवस्था की जाए, ताकि श्रद्धालु नर्मदा स्नान के दौरान सुरक्षित रह सकें। ओंकारेश्वर थाना प्रभारी अनोख सिंधिया ने बताया कि राजस्थान का युवक उमेश सिंह अपने दोस्तों को बचाते हुए खुद नर्मदा की धार में बह गया। पुलिस और एसडीआरएफ लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है। नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है, जिससे दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन जल्द ही युवक को खोज लिया जाएगा।

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