
नई दिल्ली । वरिष्ठ कांग्रेस नेता (Senior Congress Leader) कर्ण सिंह (Karan Singh) पार्टी में (In the Party) अपनी उपेक्षा किए जाने से (Being Neglected) बेहद नाराज हैं (Is Very Angry) । उनकी नाराजी ऐसे समय में सामने आई है, जब पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा चल रही है। इसका समापन कश्मीर में होगा, जहां भारत में विलय से पहले कर्ण सिंह के पिता हरि सिंह तत्कालीन शासक थे।
उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का आमंत्रण न मिलने पर निराशा जताते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि पार्टी को अब उनकी जरूरत नहीं है। सिंह ने कहा, “मुझे भारत जोड़ो यात्रा के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। कुछ वर्षो से मैं पार्टी से अलग महसूस कर रहा हूं। न तो मैं पार्टी की किसी समिति में हूं और न ही पार्टी ने हाल के वर्षो में मुझसे परामर्श किया है। मैं पूरी जिंदगी पार्टी में रहा, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें अब मेरी जरूरत नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने इस दुनिया में बहुत कुछ देखा है, इसलिए यह मुझे अब ज्यादा चोट नहीं पहुंचाता। मुझे कांग्रेस के माध्यम से बहुत सी चीजें मिली हैं, लेकिन एक समय आता है जब आपके आस-पास के लोग सोचते हैं कि कोई जरूरत नहीं है। कोई संपर्क नहीं, कोई मुझसे कुछ नहीं पूछता।”
न केवल कर्ण सिंह ऐसे नेता हैं जो संकेत दे रहे हैं कि वह पार्टी से परेशान हैं, बल्कि गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, अश्विनी कुमार, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेता भी कांग्रेस से अलग होने वालों की सूची में है। आजाद ने पार्टी नेतृत्व पर हमला बोलते हुए यहां तक कह दिया कि पार्टी में पीए और सुरक्षा गार्ड शो चला रहे हैं।
पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के बाहर होने के बारे में पूछे जाने पर कर्ण सिंह, जो जम्मू-कश्मीर के पूर्व शाही परिवार से हैं, ने कहा कि इसका प्रभाव पड़ेगा और पार्टी को नुकसान होगा।
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