
मुंबई । मुंबई (Mumbai) के पवई स्थित प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे में एक गंभीर सुरक्षा चूक (Serious security lapse) का मामला सामने आया है। 22 वर्षीय बिलाल अहमद तेली (Bilal Ahmad Teli) नामक युवक को पुलिस ने अवैध रूप से कैंपस में प्रवेश करने और 20 दिनों तक वहां रहने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस दौरान बिलाल क्लास में जाकर लेक्चर भी अटेंड करता था। पुलिस के अनुसार, बिलाल ने अपनी पहचान छिपाने के लिए 21 ईमेल आईडी और कई फोन नंबरों का इस्तेमाल किया, जिससे उसका डिजिटल रिकॉर्ड पूरी तरह साफ रहा। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है।
पुलिस ने बताया कि बिलाल ने खुद को कैंपस के अंदर छात्र के रूप में पेश किया। वह दिन में क्लास अटेंड करता था और रात में ग्राउंड फ्लोर पर लगे सोफों पर सोता था। आईआईटी प्रशासन ने 21 जून को पवई पुलिस में शिकायत दी थी, जिसके बाद बिलाल के खिलाफ अतिक्रमण, धोखाधड़ी और जालसाजी जैसी धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। पहले पुलिस ने पूछताछ कर नोटिस देकर उसे जाने दिया था, लेकिन अब उसे दो हफ्तों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है और केस को मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है। पुलिस जांच में सामने आया कि बिलाल ने 21 ईमेल आईडी और कई मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया ताकि कोई डिजिटल सबूत न छूटे। पुलिस को उसकी यह ‘क्लीन डिजिटल हिस्ट्री’ संदिग्ध लगी।
ऐसे हुई गिरफ्तारी
उसने 27 मई को IIT बॉम्बे में एक दिवसीय कोर्स में भाग लेने के बहाने कैंपस में प्रवेश किया। इसके बाद, वह 2 जून से 7 जून तक और फिर 10 जून से कैंपस में अवैध रूप से रह रहा था। एफआईआर के अनुसार, 4 जून को आईआईटी के क्रेडिट डिपार्टमेंट की एक कर्मचारी ने देखा कि एक अनजान युवक उनके ऑफिस में बिना अनुमति घुसा है। जब उससे पहचान पत्र मांगा गया तो वह भाग गया। उसकी तलाश जारी रही। इसके बाद सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उसकी तलाश शुरू की गई। 17 जून को वही युवक लेक्चर हॉल LH-101 में क्लास अटेंड करते हुए दोबारा देखा गया। 21 जून को एक IIT कर्मचारी ने उसे ऑफिस में देखा और संदेह होने पर सुरक्षा अधिकारियों को सूचित किया, क्योंकि वह कर्मचारी को अपरिचित लगा। इस बार आईआईटी की क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) ने उसे पकड़ लिया और पवई पुलिस को सौंप दिया।
डिजिटल तरीके से बचने की कोशिश
पुलिस जांच में सामने आया कि बिलाल ने डिजिटल दुनिया में कोई भी ठोस सबूत नहीं छोड़ा था। उसके फोन में कई कॉलिंग ऐप्स जैसे सिग्नल इंस्टॉल थे और वह बार-बार ईमेल और नंबर बदलता रहता था। उसने आईआईटी के एंट्री और एग्जिट वॉइंट के सीसीटीवी फुटेज भी देखे थे ताकि वो सुरक्षा व्यवस्था को समझ सके और बिना पकड़े परिसर में रह सके।
कहां का है और कितना पढ़ा है बिलाल?
बिलाल अहमद कर्नाटक के मंगलुरु का रहने वाला है। बिलाल ने पुलिस को बताया कि उसने सिर्फ 10वीं तक पढ़ाई की है जिसमें उसने 48 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। आगे की पढ़ाई को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। वह कुछ साल सूरत में काम कर रहा था और फिर मंगलुरु लौट आया। तकनीक में गहरी रुचि होने के कारण वह आईआईटी आने की योजना बना बैठा और 27 मई को एक दिन के कोर्स के बहाने परिसर में घुस गया।
पुलिस को क्या है शक?
एक अधिकारी ने कहा, “जिस तरह से उसने डिजिटल सबूतों को मिटाने की कोशिश की और लगातार पहचान छुपाता रहा, उससे हमें उसके इरादों पर शक है। उसकी गहन पूछताछ की जा रही है और पता लगाया जा रहा है कि कहीं इसके पीछे कोई बड़ा मकसद तो नहीं था।” फिलहाल केस क्राइम ब्रांच के पास है और जांच जारी है।
सुरक्षा चूक पर सवाल
IIT बॉम्बे देश के सबसे सुरक्षित और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक है। इसमें इस तरह की घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं। एक व्यक्ति का बिना किसी वैध दस्तावेज के इतने दिनों तक कैंपस में रहना और कक्षाओं में शामिल होना सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाता है। सोशल मीडिया पर भी इस घटना की व्यापक चर्चा हो रही है, जहां लोग IIT की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं।
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