इस्लामाबाद। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (imran khan) के भांजे की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एचआरसीपी (HRCP) ने कहा कि वह इमरान खान के दो भांजों की हालिया गिरफ्तारी से चिंतित है, जिन पर 9 मई 2023 को पीटीआई के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों में कथित तौर पर शामिल होने का आरोप है, जिनमें से कुछ हिंसक हो गए थे। 27 महीने बाद हुई इन गिरफ्तारियों को समझना किसी भी स्वतंत्र पर्यवेक्षक के लिए मुश्किल है, क्योंकि यह घटना तब हुई जब अन्य आरोपियों के मुकदमे लंबे समय से चल रहे हैं या पहले ही समाप्त हो चुके हैं।
एचआरसीपी ने आगे कहा कि वह नागरिकों के अधिकारों के उल्लंघन को लेकर अत्यंत चिंतित है और पुलिस तथा कानूनी व्यवस्था के प्रति अपनी निराशा व्यक्त करता है, खासकर जब बात राजनीतिक विरोधियों से निपटने की आती है। हम मांग करते हैं कि अधिकारी ऐसे सभी मामलों में पारदर्शिता और कानून के शासन को सुनिश्चित करें।
डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर पुलिस ने शुक्रवार को पुष्टि की कि पीटीआई संस्थापक इमरान खान की बहन अलीमा खान के एक और बेटे को उसके घर से हिरासत में लिया गया है। उसके भाई को उसी दंगे के सिलसिले में पहले गिरफ्तार किया गया था। जांचकर्ताओं ने डॉन को बताया कि शेरशाह खान को उसके भाई शाहरेज़ खान की तरह 9 मई की हिंसा में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया। डॉन ने अलीमा के वकील एडवोकेट राणा मुदस्सिर उमर के हवाले से बताया कि शेरशाह को उसके भाई के मामले में लाहौर की आतंकवाद-रोधी अदालत में पेशी के बाद उसके घर से ले जाया गया।
पीटीआई ने एक्स पर एक पोस्ट में इन गिरफ्तारियों की निंदा करते हुए इन्हें ‘अपहरण’ करार दिया और आरोप लगाया कि कानून के राज की जगह जंगल का कानून लागू हो गया है। डॉन ने आगे बताया कि यह घटनाक्रम पीटीआई के उस पहले के दावे के बाद हुआ है जिसमें कहा गया था कि सादे कपड़ों में आए लोगों ने अलीमा के बेटे को उसके घर से अगवा कर लिया था।
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