
नई दिल्ली । महाराष्ट्र (Maharashtra)विधानसभा चुनावों(assembly elections) के बाद राज्य के सबसे बड़े राजनीति परिवार ‘पवार फैमिली’ (Political family ‘Pawar family’)में फिर से एका की चर्चा होने लगी है। इन अटकलों के तब और बल मिला जब शरद पवार के 84वें जन्मदिन पर गुरुवार को अजित पवार चाचा से मिलने और शुभकामनाएं देने पहुंचे। तभी से माहाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारे में पवार परिवार के बीच एका और गिले-शिकवे दूर होने की चर्चा चल रही है। कहा जा रहा है कि अजित पवार और शरद पवार फिर से एक साथ हो जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स में इसके संकेत छन-छनकर परिवार से ही आने का दावे किए जा रहे हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक रोहित पवार की मां सुनंदा पवार ने शुक्रवार को कहा कि जब वह शरद पवार और अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टियों के फिर से एक होने की बात करती हैं तो वह महाराष्ट्र के लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को बयां कर रही होती हैं क्योंकि कार्यकर्ताओं की यही मनोभावना है। सुनंदा पवार ने कहा कि एकजुट परिवार ताकतवर होता है और पवार परिवार की पीढ़ियां इन सभी वर्षों में हर अच्छे-बुरे समय में एक साथ रही हैं।
पिछले साल जुलाई में अजित पवार के एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो जाने के बाद एनसीपी दो हिस्सों में बंट गई थी। निर्वाचन आयोग ने बाद में अजित पवार को पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ दे दिया था, जबकि शरद पवार के गुट का नाम राकांपा (शरदचंद्र पवार) रखा गया।
सुनंदा पवार ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार, उनके बेटे पार्थ पवार और रोहित पवार सभी दिग्गज नेता शरद पवार को बृहस्पतिवार को जन्मदिन की बधाई देने के लिए एकत्र हुए थे। वह बृहस्पतिवार को 84 साल के हो गए थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परिवार की एकता में उन्हें कुछ भी राजनीतिक नजर नहीं आता।
सुनंदा ने कहा, ‘‘जहां तक पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सवाल है तो उनका मानना सही है कि अगर पार्टी बंटी हुई न रहकर एकजुट रहेगी तो पूरे प्रदेश में पार्टी की ताकत बढ़ेगी। मैं पार्टी कार्यकर्ताओं की इन भावनाओं का सम्मान करती हूं।’’
क्या दोनों नेता इस बात पर विचार करेंगे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव प्रचार में शामिल होने के अलावा मैं राजनीति से दूर रहती हूं। इसलिए यह पूरी तरह से अजित दादा, पवार साहब और उनकी पार्टियों का फैसला होगा कि (एक होने के लिए) क्या कदम उठाने की जरूरत है। मुझे यकीन है कि दोनों सही फैसला लेंगे।’’ सुनंदा पवार ने कहा कि एकजुट परिवार ताकतवर होता है और उनका मानना है कि परिवार को एक बार फिर एकजुट होना चाहिए।
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