
नई दिल्ली (New Delhi) । 1992 में जब राम जन्मभूमि आंदोलन जोर पकड़ रहा था, तब भाजपा नेता विजया राजे सिंधिया (Vijaya Raje Scindia) ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव (PV Narasimha Rao) को आश्वासन दिया था कि बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) को कुछ नहीं होगा। यह खुलासा मंगलवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने किया। उन्होंने कहा कि पीएम नरसिम्हा राव ने अपने मंत्रियों की सलाह के खिलाफ विजया राजे सिंधिया की बात पर भरोसा किया था।
वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी की पुस्तक ‘हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड’ के विमोचन के अवसर पर बोलते हुए शरद पवार ने कहा कि वह तत्कालीन गृह मंत्री और गृह सचिव के साथ बैठक में उपस्थित थे। बता दें कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय शरद पवार नरसिम्हा राव सरकार में रक्षा मंत्री थे। राकांपा प्रमुख ने कहा, “मंत्रियों का एक समूह था और मैं उनमें से एक था… यह फैसला लिया गया कि प्रधानमंत्री को संबंधित पार्टी के नेताओं की बैठक बुलानी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “उस बैठक में विजया राजे सिंधिया ने प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया था कि बाबरी मस्जिद को कुछ नहीं होगा।” पवार ने कहा कि उन्हें और गृह मंत्री और गृह सचिव को लगा कि कुछ भी हो सकता है, लेकिन पीएम राव ने सिंधिया पर विश्वास करना चुना। इस बीच पत्रकार नीरजा चौधरी ने मस्जिद विध्वंस के बाद पीएम राव की कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के साथ हुई बातचीत का जिक्र किया, जहां प्रधानमंत्री से पूछा गया था कि विध्वंस के समय वह क्या कर रहे थे।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि नरसिम्हा राव ने पत्रकारों से कहा था कि उन्होंने ऐसा होने दिया क्योंकि इससे एक गंभीर घाव खत्म हो जाएगा और उन्हें लगा कि भाजपा अपना मुख्य राजनीतिक कार्ड खो देगी। पुस्तक का विमोचन पवार के साथ केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, कांग्रेस नेता शशि थरूर, पूर्व रेल मंत्री और भाजपा नेता दिनेश त्रिवेदी और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने किया।
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