
नई दिल्ली । बांग्लादेश (Bangladesh) में जारी हिंसा के बीच वहां के हिंदुओं (Hindus) के लिए हालात नाजुक हो गए हैं। इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप भारत में भी कुछ समूहों ने बांग्लादेश के विरोध में प्रदर्शन किया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Congress MP Shashi Tharoor) से जब इन विरोध प्रदर्शनों के हिंसक होने की आशंका के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इससे इनकार किया। केरल सांसद ने कहा कि हमारे लोकतंत्र में किसी को भी प्रदर्शन करने का अधिकार है। अभी तक ऐसा किसी को भी महसूस नहीं हुआ कि यह प्रदर्शन नियंत्रण से बाहर जा रहे हैं।
मीडिया से बात करते हुए थरूर ने कहा, “सीमा पार जिस तरह की अस्थिर और तनावपूर्ण माहौल है, उसे देखते हुए यह हैरान करने वाली बात नहीं है कि भारत में भी कुछ समूहों ने प्रदर्शन करना शुरू किया है। हमारे लोकतंत्र में सभी को ऐसा करने का अधिकार है। मुझे नहीं लगता कि अभी तक किसी को ऐसा महसूस हुआ हो कि यह प्रदर्शन नियंत्रण से बाहर जा रहे हैं।”
थरूर ने कहा, “अब तक न तो कोई हिंसा हुई है, न ही किसी तरह की लिंचिंग और निश्चित तौर पर यदि किसी प्रकार की हिंसा की कोशिश की जाती है तो हमारी पुलिस उसे सख्ती के साथ रोकने में सक्षम है।”
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस को नसीहत देते हुए थरूर ने कहा, ” हम यह भी चाहते हैं कि बांग्लादेश में भी यही किया जाए। वहां की सरकार को हिंसा पर लगाम लगानी होगी। केवल खेद जताना या निंदा करना पर्याप्त नहीं है। एक सरकार होने के नाते सड़कों पर हो रही हिंसा को नियंत्रित करना उनकी जिम्मेदारी है। उन्हें इस हिंसा को रोकना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हालात फिर से शांत हों, ताकि लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।”
अल्पसंख्यक हिंदुओं के ऊपर जारी हिंसा को बताते हुए थरूर ने आगामी चुनाव के ऊपर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “जब माहौल कानून हीनता का हो, चारों तरफ डर हो, मतदाता खुद को सुरक्षित महसूस न कर रहा हो तो ऐसे हालात में कैसे चुनाव कराए जा सकते हैं? हम बांग्लादेश सरकार से आग्रह करते हैं कि वह हालात को अपने नियंत्रण में लें। अगर पुलिस ऐसा नहीं कर पा रही है, तो सेना को तैनात करें, लेकिन इस बकवास को बंद करें।”
आपको बता दें बांग्लादेश में छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद लगातार माहौल खराब बना हुआ है। यूनुस प्रशासन ने इस हत्या के लिए आवामी लीग के छात्र संगठन से जुड़े एक युवा का नाम सामने रखा है, जबकि हादी के परिवार ने यूनुस प्रशासन के ऊपर ही आरोप लगाया है। हादी के भाई का कहना है कि उस्मान को बलि का बकरा बनाया गया है। चुनाव को और खिसकाने के लिए उसकी हत्या करवाई गई है। इसी बीच आवामी लीग के बाद बांग्लादेश की सियासत में बड़ा रसूख रखने वाली बीएनपी नेत्री और पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे रहमान वापस बांग्लादेश लौट रहे हैं।
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