
नई दिल्ली । जो जान देने के लिए उफनाती(overflowing ) यमुना(Yamuna) में कूदी, मौत का सामना(face death) होने पर उससे दो-दो हाथ करने लगी। मामूली तैराकी(light swimming) की बदौलत उसने मौत से अपने हिस्से की सांसें छीन लीं। घरेलू कलह में जान देने की इरादे से यूपी के कालपी पुल से गुरुवार शाम को कूदी महिला करीब 12 घंटे बाद 35 किमी दूर हमीरपुर के कुरारा क्षेत्र में यमुना किनारे कीचड़ में फंसी मिली। महिला का दावा है कि कूदी तो वह आत्महत्या के लिए थी, लेकिन बाद में हिम्मत टूट गई। उसे थोड़ा-बहुत तैरना आता था, इस वजह कभी तैरकर तो कभी बहाव के सहारे यहां आकर किनारे पर लगी। ग्रामीणों ने नदी से निकालकर उसे सीएचसी में भर्ती कराया है।
शुक्रवार सुबह कुरारा थाना क्षेत्र के भैदन डेरा गांव निवासी अवधेश कुमार नदी किनारे गए थे। उन्होंने बिलौटा पंप कैनाल के पास नदी किनारे कीचड़ में एक महिला को पड़ा देखा। उनकी सूचना पर ग्रामीण पहुंचे और हरौलीपुर चौकी पुलिस के साथ मिलकर बेहोश महिला को बाहर निकाला। एंबुलेंस से कुरारा सीएचसी भेजकर भर्ती कराया गया।
महिला बोली-मैं कूदी तो जान देने के लिए थी पर हिम्मत हार गई
होश में आने के बाद महिला ने बताया- ‘मेरा नाम शैलष कुमारी है। उम्र करीब 55 साल है। मेरी शादी 25 साल पहले इटावा के नीलकंठ मंदिर के पास रहने वाले दिलीप गोस्वामी से हुई थी। मेरा पति शराब का आदी है। इस वजह से आए दिन विवाद होता है। गुरुवार शाम को कालपी पुल से करीब सात बजे मैंने जीवन समाप्त करने की नीयत से छलांग लगा दी।
बाद में मैं हिम्मत हार गई और नदी के बहाव के साथ हाथ-पैर चलाने शुरू कर दिए। इसके बाद मैं कीचड़ में फंस गई। होश आया तो मैं अस्पताल में थी’। पुलिस ने बताया कि उसके पति को जानकारी दे दी गई है। उसका 24 साल का बेटा आकाश चालक है।
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