
इन्दौर। पिता के छोडक़र चले जाने के बाद एक मां ने अपनी बेटी को पालने के लिए दिन-रात एक कर दिए। मजदूरी कर पढ़ाया-लिखाया और नाबालिग बेटी ने मां को अंधेरे में रखकर पड़ोसी युवक से भागकर शादी कर ली। 20 दिन से लगातार दर-दर की ठोकरें खाकर मां बेटी को गुमशुदा मानकर तलाश करती रही, लेकिन जब बेटी के विवाह का खुलासा हुआ तो मां के पैरों तले जमीन खिसक गई। जिस मामले को गुमशुदगी का प्रकरण बताया जा रहा था वह नाबालिग के साथ बाल विवाह का मामला निकला और अब एसडीएम की पहल पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।
बाणगंगा क्षेत्र में 17 दिन पहले जिस युवक से नाबालिग मिली उसके प्रेमजाल में फंसकर भागकर शादी कर ली। 20 दिन से लगातार मां बेटी के गुमशुदा होने की रिपोर्ट लिखाने और ढूढऩे के लिए पुलिस थानों के चक्कर काट रही थी। ठोकरें खा रही महिला के पैरों तले उस समय जमीन खिसक गई जब उसे पता चला कि उसकी बेटी ने पड़ोसी युवक के साथ उसके गृह निवास अंबाह गांव जिला गुना में जाकर एक मंदिर में विवाह रचा लिया है और दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लगे हैं। युवक के परिवार वालों ने भी उसे बहू के रूप में स्वीकार कर लिया है।
विवाह कराने वाले पंडित तथा लडक़े और परिजनों के विरुद्ध बढ़ेगी धारा
पाठक ने बताया कि बालिका का संपूर्ण मेडिकल परीक्षण होने के पश्चात बाल विवाह को लेकर प्रकरण दर्ज कराया जा रहा है। अधिनियम के तहत बालिग युवक द्वारा नाबालिग बालिका से विवाह करने पर अधिनियम की धारा 9 के तहत और विवाह कराने वाले पंडित तथा लडक़े के परिजनों के विरुद्ध धारा 10 में प्रकरण दर्ज होगा। चर्चा में बालिका की मां ने बताया कि वह एक फैक्ट्री में काम करती है और मजदूरी करके बेटी को पाल रही है। बेटी ने कक्षा नौवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी। समझाने पर भी वह स्कूल जाना पसंद नहीं करती थी। 17 दिन पहले ही युवक जिस मकान में वह किराए से रहते हैं वहां पर रहने आया था और 17 दिन की मुलाकात के बाद कब दोनों में प्यार हो गया इसकी उन्हें भनक तक नहीं लगी। जब बेटी गायब हो गई तो उसे यहां-वहां तलाश किया। बाद में जब बेटी उस युवक के साथ मिली तो उन्हें भी आश्चर्य हुआ।
मां समझी बेटी के साथ कोई अनहोनी हो गई
इंदौर में मां बेटी के साथ कोई अनहोनी होने का अंदेशा लेकर गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने बाणगंगा थाने पहुंची। जांच में 20 दिन बाद सूचना मिली कि वह गुना में रह रही है, तब पुलिस उसे लेकर इंदौर पहुंची और न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर बयान करवाए। यह सूचना संस्था आस के माध्यम से महिला एवं बाल विकास विभाग तक पहुंची। उसके बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश सिन्हा ने मामले की जांच और कार्रवाई का दायित्व उडऩदस्ता प्रभारी महेंद्र पाठक को सौंपा। मामले की जानकारी एसडीएम मल्हारगंज डॉ. निधि वर्मा को दी गई। एसडीएम वर्मा ने तुरंत थाना प्रभारी बाणगंगा से संपर्क कर बाल विवाह के मामले में कार्रवाई करने को कहा।
आयु के प्रमाण पत्र दिए, तब मानी पुलिस
दल के सदस्य शैलेष शर्मा और देवेंद्रकुमार पाठक बाणगंगा थाना पहुंचे और उन्हें विवाह के फोटो, वीडियो और बालिका की आयु के प्रमाण देकर बाल विवाह की सूचना देते हुए धाराओं में प्रकरण दर्ज करने का कहा। थाना प्रभारी ने विवेचना अधिकारी को मामले की गंभीरता को देखते हुए कारवाई के निर्देश दिए। उनके निर्देश पर भागीरथपुरा चौकी प्रभारी कमल किशोर ने बालिका का मेडिकल करवाने के पश्चात उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया, जहां समिति सदस्य नितिन शुक्ला ने बालिका से चर्चा कर उसके कथन के बाद आगामी कार्रवाई के निर्देश दिए।
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