
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की प्रतिमा ढहने की घटना को लेकर आलोचनाओं से घिरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने गुरुवार को कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह महान पराक्रमी शासक के 100 बार पैर छूने और घटना के लिए माफी मांगने में संकोच नहीं करेंगे. मीडिया से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि विपक्ष के पास राजनीति करने के लिए अन्य मुद्दे भी हैं, लेकिन महाराष्ट्र में पूजनीय शिवाजी महाराज को इससे दूर रखा जाना चाहिए.
अपने इस बयान से सीएम शिंदे ने राज्य में जनता की नाराजगी को खत्म करने में काफी हद तक सफलता हासिल कर ली है. सिंधुदुर्ग जिले में चार दिन पहले मूर्ति गिरने की घटना के कारण पैदा हुई गर्मागर्मी के बीच राज्य सरकार ने हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए एक तकनीकी समिति गठित की है. जबकि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व में सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने घटना के विरोध में पूरे महाराष्ट्र में मौन विरोध प्रदर्शन किया.
एकनाथ शिंदे ने जोर देकर कहा कि ‘छत्रपति शिवाजी महाराष्ट्र के संरक्षक देवता हैं. मैं 100 बार उनके पैर छूने और मूर्ति टूटने की घटना के लिए माफी मांगने को तैयार हूं. मैं माफी मांगने से पीछे नहीं हटूंगा. हमारी सरकार शिवाजी के आदर्शों को ध्यान में रखकर काम करती है.’ उनकी यह टिप्पणी अजित पवार द्वारा राज्य के लोगों से प्रतिमा ढहने के लिए माफी मांगने के एक दिन बाद आई है.
इसे मुंबई से लगभग 480 किलोमीटर दूर तटीय जिले सिंधुदुर्ग की मालवण तहसील में स्थापित किया गया था. राजकोट किला परिसर में स्थापित 17वीं सदी के मराठा साम्राज्य के संस्थापक की 35 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था. अनावरण किए जाने के करीब नौ महीने बाद 26 अगस्त को यह ढह गई. जिसके बाद राज्य में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया था, जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं.
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