
नई दिल्ली । सरकारें (Governments) लाख दावा करें कि उनकी योजनाएं और उनकी सुविधाएं समाज के आखिरी पायदान पर खड़े लोगों तक पहुंच रही हैं, लेकिन ये दावे कई बार इतने खोखले साबित होते हैं कि इंसानियत शर्मसार हो जाती है। प. सिंहभूम (West Singhbhum) के चाईबासा (Chaibasa) में शुक्रवार को एक ऐसी घटना सामने आई, जिससे हर जिम्मेदार इंसान का सिर शर्म से झुक जाना चाहिए। एंबुलेंस नहीं मिलने पर एक पिता अपने चार साल के बेटे का शव थैले में डालकर बस से घर ले गया। रास्ते में जिसने भी उस पिता की बेबसी देखी, आंखों में आंसू आ गए।
इस मामले की जानकारी देते हुए परिजनों ने बताया कि शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने पर बच्चे के पिता डिंबा चतोम्बा उसे इलाज कराने नोवामुंडी के बालजोड़ी गांव से 70 किलोमीटर दूर बस से चाईबासा सदर अस्पताल ले गए। इलाज के क्रम में जब शाम चार बजे बच्चे की मौत हो गई, तब पिता ने लाश घर ले जाने के लिए अस्पताल से एंबुलेंस देने की गुहार लगाई, पर किसी ने नहीं सुनी। अंत में वे बच्चे को थैली में लेकर घर निकल पड़े।
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि बच्चे के पिता डिंबा चतोम्बा के पास घर लौटने लायक भी पैसे नहीं थे। निजी एंबुलेंस उसके वश की बात नहीं थी। निराश पिता ने भरी आंखों से बच्चे की लाश एक थैली में रखी और घर के लिए बस पकड़ ली। बस में उसके साथ सफर कर रहे लोगों के अनुसार वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं था।
इस घटना के बाद अस्पताल उपाधीक्षक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे घटना की जानकारी नहीं है। इस संबंध में पूछे जाने पर चाईबासा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. शिवचरण हांसदा ने कहा कि उन्हें फिलहाल इस घटना की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों से जानकारी ली जा रही है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved