
नई दिल्ली । भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए ऐतिहासिक यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। नासा (NASA) और निजी अंतरिक्ष कंपनी एक्सियॉम स्पेस द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक्सियॉम मिशन 4 (एक्स-4) के तहत यह मिशन अब 8 जून 2025 को लॉन्च होगा। पहले यह मिशन 29 मई 2025 को निर्धारित था। एक्सियॉम स्पेस ने बताया कि मिशन को स्थगित करने का फैसला तकनीकी और परिचालन तैयारियों को और मजबूत करने के लिए लिया गया है।
लॉन्च की तारीख में यह बदलाव प्री-लॉन्च जांच के दौरान एक मामूली तकनीकी समस्या पाए जाने के कारण किया गया है। एक्सियॉम स्पेस और ISRO दोनों ने स्पष्ट किया है कि यह एक साधारण तकनीकी खामी है और मिशन की तैयारियों या सुरक्षा पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनेंगे। इसके अलावा, वह राकेश शर्मा के 1984 में सोवियत सोयूज यान के जरिए अंतरिक्ष यात्रा करने के 40 साल बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। शुभांशु शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका निभाएंगे।
Ax-4 मिशन का दल और उद्देश्य
Ax-4 मिशन में चार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। शुक्ला के साथ इस मिशन में अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन (कमांडर), पोलैंड के स्लावोस उज्नांस्की-विस्निव्स्की और हंगरी के तिबोर कपु शामिल होंगे। यह टीम स्पेसएक्स के ड्रैगन यान में फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में जाएगी और लगभग 14 दिनों तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रहेगी। इस दौरान वैज्ञानिक रिसर्च, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और शैक्षणिक/सार्वजनिक जागरूकता से जुड़ी गतिविधियां की जाएंगी।
भारत के ‘गगनयान’ मिशन से जुड़े प्रयोग भी होंगे
शुभांशु शुक्ला इस मिशन के दौरान भारत के आगामी ‘गगनयान’ मानव अंतरिक्ष मिशन से संबंधित महत्वपूर्ण प्रयोग भी करेंगे। इनमें मांसपेशियों की क्षति, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में शरीर का अनुकूलन और अंतरिक्ष में जैविक खेती जैसे विषयों पर अध्ययन शामिल हैं।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में 10 अक्टूबर 1985 को जन्मे शुक्ला भारतीय वायु सेना के एक अनुभवी टेस्ट पायलट हैं, जिन्होंने सु-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और एन-32 जैसे विमानों पर 2,000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव हासिल किया है। 2019 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण के लिए चुने गए शुक्ला ने रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में कठिन प्रशिक्षण प्राप्त किया। वे भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान (2026 में प्रस्तावित) के लिए भी प्रमुख अंतरिक्ष यात्री हैं। उनका यह मिशन भारत की वैश्विक मानव अंतरिक्ष उड़ान में सक्रिय भागीदारी की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
ISRO और Axiom Space का भरोसा
हालांकि लॉन्च में कुछ दिन की देरी हुई है, लेकिन ISRO और Axiom Space दोनों ने मिशन की विश्वसनीयता और तैयारियों पर पूर्ण विश्वास जताया है। अधिकारियों का कहना है कि यह तकनीकी देरी सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है और मिशन की सफलता में कोई बाधा नहीं बनेगी।
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