
बेंगलुरु। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah.) ने भाजपा (BJP) को चुनौती दी है कि वह अब किसी दलित को अगला प्रधानमंत्री (Next Prime Minister) पद का उम्मीदवार घोषित करे। गुरुवार को सिद्धारमैया ने कहा कि चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) अगले दो महीने में 75 साल के हो रहे हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने उन्हें राजनीतिक संन्यास लेने के संकेत दिए हैं तो भाजपा अब किसी दलित चेहरे को अगले प्रधानमंत्री के तौर पर पेश करे। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा के पास यह सुनहरा मौका है।
सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में सिद्धारमैया ने लिखा, “आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत पहले ही 75 वर्षीय नरेंद्र मोदी के राजनीतिक संन्यास का संकेत दे चुके हैं। भाजपा के लिए यह एक दलित को अगला प्रधानमंत्री बनाने का सुनहरा मौका है। इस पहल की शुरुआत आप खुद करें। दूसरों को उपदेश देने के बजाय, आप किसी दलित नेता को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में क्यों नहीं पेश करते? चाहे वह गोविंद करजोल हों या चलवडी नारायणस्वामी, अगर आप उनके नाम प्रस्तावित करते हैं, तो मैं आपको सबसे पहले बधाई दूँगा।”
बीवाई विजयेंद्र पर भी निशाना साधा
उन्होंने कर्नाटक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र पर भी निशाना साधा और उन पर पाखंड का आरोप लगाया और दलितों व पिछड़े वर्गों के साथ भाजपा के व्यवहार पर सवाल उठाए। सिद्धारमैया को जवाब देते हुए, विजयेंद्र ने पलटवार किया है। उन्होंने लिखा है, “अगर कांग्रेस दलितों के साथ है, तो उन्हें खड़गे को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए।”
सिद्धारमैया ने कन्नड़ में लिखे अपने कई पोस्ट में विजयेंद्र पर हमला जारी रखते हुए लिखा, “भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री @BYVijayendra, जो अपनी कुर्सी की स्थिरता भी सुरक्षित नहीं रख पा रहे, कांग्रेस को यह सलाह देने की धृष्टता कर रहे हैं कि हमारा प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होना चाहिए। यह न केवल उनकी अज्ञानता और आत्म-प्रवंचना का प्रदर्शन है, बल्कि उनके अहंकारी अधिकार का भी प्रदर्शन है।”
बंगारू लक्ष्मण का उदाहरण दे दलितों के साथ व्यवहार पर सवाल
सिद्धारमैया ने इसके साथ ही दलित नेताओं के साथ भाजपा के इतिहास की आलोचना की और बंगारू लक्ष्मण का उदाहरण देते हुए लिखा, “एक दलित नेता जिन्हें भाजपा ने पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया, केवल भ्रष्टाचार के आरोपों में उन्हें बदनाम करने और जेल भेजने के लिए, एक ऐसा अपमान जिसके कारण अंततः उनकी मौत हो गई।” उन्होंने आगे सवाल किया, “भाजपा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का नाम उछालने से कभी नहीं चूकती। लेकिन उसी भाजपा ने उन्हें कभी इस देश के प्रधानमंत्री के रूप में क्यों नहीं पेश किया? पार्टी एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बनाने का दावा करती है, फिर भी क्या विजयेंद्र यह बता सकते हैं कि वर्तमान लोकसभा में भाजपा का एक भी मुस्लिम सांसद क्यों नहीं है?”
पिछड़े वर्ग को साजिश के तहत कमजोर करने का आरोप
सिद्धारमैया ने भाजपा पर पिछड़े वर्ग के नेताओं को सुनियोजित साजिश के तहत कमजोर करने का आरोप लगाया और एस बंगारप्पा का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “पिछड़े वर्ग के एक बड़े नेता एस बंगारप्पा को आपके पिता बीएस येदियुरप्पा ने राजनीतिक रूप से खत्म कर दिया था। और अब, विजयेंद्र, आप उनके बेटे कुमार बंगारप्पा का राजनीतिक करियर ख़त्म करने की कोशिश कर रहे हैं। पिता और पुत्र, दोनों ने इसे अपना पारिवारिक मिशन बना लिया है।” उन्होंने कहा, “मैं आपको बता दूँ कि चाहे बंगारप्पा हों या नरेंद्र मोदी, भाजपा में उनकी सुरक्षा तभी तक है जब तक वे जातिवादी हिंदुत्व के एजेंडे के अधीन रहेंगे। नरेंद्र मोदी को भी खुद इस असहज सच्चाई का एहसास होना चाहिए।”
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