
नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) स्थिति ननकाना साहिब (Nankana Sahib) के दर्शन पर रोक लगाने के सरकार के फैसले पर केंद्रीय श्री गुरु सिंह सभा (Central Shri Guru Singh Sabha) ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है। सिख संगठन ने कहा कि यह अल्पसंख्यकों के मामले में दखल है। शनिवार को सभा के महासचिव डॉ. कुशल सिंह ने कहा कि बंटवारे के बाद ही भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) में सहमित बनी थी कि गुरुपर्व और अन्य मौकों पर पाकिस्तान स्थिति गुरुद्वारों तक सिख श्रद्धालु पहुंच सकेंगे।
उन्होंने कहा, बीते सात दशकों से सिख श्रद्धालु ननकाना साहिब जाते रहे हैं और कभी किसी ने कोई आपत्ति जाहिर नहीं की। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति में भी सिखों का जत्था ननकाना साहिब गया। 1984 में दरबार साहिब में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान भारत और पाकिस्तान की सीमा को सील कर दिया गया था, हालांकि भारत सरकार ने सिखों की यात्रा पर प्रतिबंध नहीं लगाया था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, पाकिस्तान में सिख समुदाय को कोई खतरा नहीं है और जो भी प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं वे केवल रानजीतिक हैं। बिना सिख संगठनों से सलाह लिए केंद्र सरकार का एकतरफा फैसला हमें स्वीकार नहीं है। डॉ. कुशल सिंह, जस्टिस रंजीत सिंह, गुरतेज सिंह, ताज मुहम्मद, शमशेर कारी, डॉ. प्यारे लाल गर्ग, राजिंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, हमीर सिंह, दीपक शर्मा, मलविंदर सिंह माली और कैप्टेन गुरदीप सिंह गुमनाम ने यह संयुक्त बयान जारी किया है।
उन्होंने कहा, सरकार का यह आदेश संविधान के आर्टिकल 25 का उल्लंगन करता है। इस मौके पर हमें श्री गुरु नानक देव के भाईचारे के संदेश को प्रसारित करने की जरूरत है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद करतारपुर कॉरिडोर को भी बंद कर दिया गया है। ऐसे में मोदी सरकार से अपील है कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खोल दिया जाए और ननकाना साहिब समेत पाकिस्तान स्थिति गुरुद्वारों के दर्शन की अनुमति दी जाए।
पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड ने शनिवार को भारत से अपील की कि वह करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में गुरु नानक देव जी की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में 22 सितंबर को आयोजित होने वाले स्मृति कार्यक्रम के लिए सिख श्रद्धालुओं को आने की अनुमति दे। पहलगाम में 26 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया है।
पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (पीएसजीपीसी) की यहां इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के मुख्यालय में हुई 9वीं बैठक में भारत सरकार द्वारा सिख तीर्थयात्रियों को धार्मिक उद्देश्य से पाकिस्तान जाने की अनुमति देने से कथित तौर पर इनकार किए जाने पर चिंता जाहिर की गई। पीएसजीपीसी के अध्यक्ष और पंजाब प्रांत के पहले सिख मंत्री सरदार रमेश सिंह अरोड़ा ने ईटीपीबी के साथ बुधवार को दावा किया कि पहलगाम हमले के बाद लगाए गए प्रतिबंधों के चलते भारत से सिख श्रद्धालु यात्रा नहीं कर पा रहे हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved