
रायपुर । कवि कुमार विश्वास (Poet Kumar Vishwas) ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर (On atrocities against Hindus in Bangladesh) चुप्पी अफसोसजनक है (Silence is Regrettable) ।
कुमार विश्वास का कहना है कि यह घटना बेहद दुखद और पीड़ादायक है। किसी भी निर्दोष व्यक्ति के साथ इस तरह की हिंसा पूरे मानव समाज के लिए शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस मुद्दे पर मजबूती और निर्णायक तरीके से ध्यान देना चाहिए। हो सकता है कि सरकार पहले से ही इस विषय पर विचार कर रही होगी, लेकिन ऐसे मामलों में संवेदनशीलता के साथ-साथ कठोरता भी जरूरी है।
कुमार विश्वास ने यह भी कहा कि दुनिया भर में ऐसे बहुत से लोग हैं जो छोटी या बड़ी किसी भी घटना पर मानव हानि को लेकर बहुत अधिक विलाप करते हैं। भारत में भी एक ऐसा वर्ग है जो हर मुद्दे पर बहुत मुखर होकर विलाप करता है, लेकिन जब बांग्लादेश में एक निर्दोष अल्पसंख्यक को जिंदा जला दिया जाता है, तब वही लोग चुप हो जाते हैं। न बयान आते हैं, न चिंता दिखाई देती है। ऐसे में उनका दोहरा रवैया दुनिया के सामने उजागर हो जाता है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर किसी युवा नेता की हत्या पर अंतरराष्ट्रीय बहस हो सकती है, तो फिर अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर चुप्पी क्यों?
उन्होंने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की बात करने वाले लोग यह भूल जाते हैं कि मानवता की रक्षा किसी एक देश का नहीं, पूरे विश्व का दायित्व है। जब हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत, हमारी परंपरा, जो कभी बोरीशिल्लाह जैसे क्षेत्रों तक फैली थी, वहां तक हिंसा की आग पहुंच जाए, तो यह बेहद चिंताजनक है। ऐसी आग को वहीं बुझना चाहिए, आगे नहीं बढ़ना चाहिए।
राम कथा को लेकर भी कुमार विश्वास ने कहा कि भगवान राम भारत के लोगों के दिलों और दिमाग में बसते हैं। यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि पीढ़ियों से भारत इसे समझता आया है। राजनीति कभी-कभी इसे भूल जाती है, इसलिए समय-समय पर उसे याद दिलाना जरूरी हो जाता है। उन्होंने कहा कि जाते हुए अंग्रेजी नववर्ष को अगर हम राम के विचारों के साथ विदा करें, तो आने वाले वर्ष में भी वही विचार हमारे साथ चलेंगे।
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