
नई दिल्ली: चुनाव आयोग (Election Commission) की ओर से नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में वोटर लिस्ट (Voter List) के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया का पहला चरण ज्यादातर राज्यों में पूरा हो गया है और कुछ राज्यों में जल्द समाप्त होगा. कई राज्यों में पहले चरण के तहत ड्राफ्ट लिस्ट (Draft List) जारी की गई है और सुनवाई और दस्तावेज के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है. जिन मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल नहीं किए गए हैं या उनके फॉर्म में कुछ असंगति आ रही है तो उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है और उनसे डॉक्यूमेंट सत्यापन के लिए कहा जा रहा है. डॉक्यूमेंट सत्यापन को लेकर मतदाताओं के एक वर्ग में चिंता है. इसके मद्देनजर चुनाव आयोग ने की ओर जल्द प्रक्रिया पूरा करने के लिए 4 सूत्रों एजेंडा जारी किया गया है.
चुनाव आयोग ने जारी किया चार सूत्री एजेंडा
कम होगी वोटर्स की चिंता
चुनाव आयोग के इन कदमों से वोटर, खासकर उन लोगों की चिंता कम होने की उम्मीद है, जिनके डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई किए जानें हैं. ऐसे लाखों मामले अब नोटिस के लिए भेजे जा रहे हैं, जिनमें वेरिफिकेशन और ‘सुनवाई’ के लिए और डॉक्यूमेंट मांगे जा रहे हैं. SIR की तहत 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से केवल उत्तर प्रदेश को छोड़कर सभी ने अपने ड्राफ़्ट रोल पब्लिश कर दिए हैं. उत्तर प्रदेश में छह जनवरी को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट का प्रकाशन होगा.
मौत, घर बदलने और रोल में कई एंट्री की वजह से मतदाता सूची से नाम हटना कई राज्यों में चिंता का विषय रहा है. जिनका पता बदला हुआ है और जिनके नाम कई बार आए हैं, साथ ही जिनके पिछले रिकॉर्ड या डॉक्यूमेंट्स में कमी पाई गई है, उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा और खास पहचान और नागरिकता के डॉक्यूमेंट्स के साथ सुनवाई के लिए पेश होने को कहा जाएगा.
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