
नई दिल्ली। नेविल टाटा (Neville Tata) को सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (Sir Dorabji Tata Trust) का ट्रस्टी नियुक्त (Appointed Trustee) किया गया है। यह नियुक्ति 12 नवंबर यानी आज से प्रभावी है। नेविल टाटा, टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा (Tata Trusts Chairman, Noel Tata) के पुत्र हैं। यह ट्रस्ट टाटा संस (Tata Sons) में 27.98% हिस्सेदारी रखता है। टाटा संस समूह की होल्डिंग कंपनी है और यह ट्रस्ट उसका सबसे बड़ा सिंगल शेयर होल्डर है। नेविल टाटा का अनुभव: 32 वर्षीय नेविल 2016 सेट्रेंट कंपनी से जुड़े हैं और वर्तमान में तेजी से बढ़ते फैशन ब्रांड जूडियो की अगुवाई कर रहे हैं।
अंदरूनी मतभेदों का समाधान
यह नियुक्ति हाल ही में खत्म हुए अंदरूनी तनाव के बाद आई है। यह तनाव नोएल टाटा और स्वर्गीय रतन टाटा के करीबी सहयोगी मेहली मिस्त्री के बीच था। मिस्त्री को प्रमुख ट्रस्टों से हटाया गया था और उन्होंने इस फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई नहीं लड़ी।
ट्रस्ट बोर्ड में अन्य नियुक्तिया
ट्रस्ट के बोर्ड ने दो अन्य प्रमुख हस्तियों को भी ट्रस्टी नियुक्त किया है:
1. भास्कर भट: टाइटन कंपनी का सफलतापूर्वक नेतृत्व कर चुके टाटा समूह के वरिष्ठ कार्यकारी।
2. वेणु श्रीनिवासन: टीवीएस मोटर कंपनी के चेयरमैन। उन्हें तीन साल के कार्यकाल के लिए ट्रस्ट का उपाध्यक्ष भी नामित किया गया है।
नए नियमों का पालन
यह कदम महाराष्ट्र के नए विनियमों के अनुरूप है, जो अब ट्रस्टी की आजीवन नियुक्ति पर रोक लगाते हैं।
महाराष्ट्र सरकार का आदेश
30 अगस्त 2025 को राज्य सरकार ने “Maharashtra Public Trusts (Amendment) Ordinance, 2025” जारी किया। इसमें कहा गया कि कई ट्रस्टों के नियमों में आजीवन ट्रस्टीयों के विषय में स्पष्टता नहीं है, जिससे कानूनी विवाद बढ़ते हैं। इसलिए अब हर ट्रस्ट में स्थायी ट्रस्टी की संख्या कुल ट्रस्टी की संख्या के एक-चौथाई से अधिक नहीं हो सकती। यह नियम 1 सितंबर 2025 से लागू हुआ। टाटा ट्रस्ट्स में ये सभी नियुक्तियां नेतृत्व को मजबूत करने वाला एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। ये ट्रस्ट मिलकर टाटा संस में 66% हिस्सेदारी का नियंत्रण करते हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved