
कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal)की सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने आरोप लगाया है कि एसआईआर (SIR) के नाम पर लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में ही एसआईआर प्रक्रिया के चलते करीब 60 लोगों की मौत हुई है। बुजुर्ग लोगों को दस्तावेज सत्यापन (Document Verification) के लिए बुलाया जा रहा है। बांकुड़ा की जनसभा में ममता बनर्जी ने भाजपा (BJP) पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव से पहले वे सोनार बांग्ला का वादा करते हैं, लेकिन दूसरे राज्यों में बंगाली बोलने वाले लोगों को पीटा जाता है।
बांकुड़ा की रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा, एसआईआर एक बहुत बड़ा घोटाला है और एआई तकनीक का इस्तेमाल करके एसआईआर किया जा रहा है। ममता बनर्जी ने दावा किया कि लोग, भाजपा को पश्चिम बंगाल की सत्ता में नहीं आने देंगे। टीएमसी प्रमुख ने धमकी देते हुए कहा, अगर मतदाता सूची से एक भी वैध मतदाता का नाम कटा तो उनकी पार्टी टीएमसी दिल्ली में चुनाव आयोग के ऑफिस का घेराव करेगी। जनसभा में ममता बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, भाजपा कहती है कि घुसपैठिए सिर्फ बंगाल से आते हैं। अगर ऐसा है तो क्या पहलगाम में हमला आपने कराया था? दिल्ली में जो घटना हुई, उसके पीछे कौन था? भाजपा सिर्फ एसआईआर के नाम पर लोगों को परेशान कर रही है।
ममता बनर्जी का यह बयान ऐसे वक्त सामने आया है, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल के दौरे पर हैं और अपने दौरे पर उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित शाह ने बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर आरोप लगाया कि ये सरकार घुसपैठ नहीं रोक सकती। उन्होंने दावा किया कि बंगाल में भाजपा सरकार बनी तो परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा। अमित शाह ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार चुनावी फायदे के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश से गरीबी मिटा रही है और बंगाल में सभी योजनाएं खत्म होने के कगार पर पहुंच गई हैं।
इससे पहले कोलकाता में ‘दुर्गा आंगन’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘कई लोगों ने कहा है कि मैं तुष्टीकरण कर रही हूं, लेकिन मैं सेक्युलर हूं और सभी धर्मों में विश्वास करती हूं। मुझे बंगाल से प्यार है, मुझे भारत से प्यार है। हम सभी जातियों, सभी धर्मों से प्यार करते हैं। यही हमारी विचारधारा है। हर व्यक्ति को अपना लोकतांत्रिक अधिकार है। धर्म व्यक्तिगत पसंद है लेकिन त्योहार सभी के लिए हैं।’ ममता बनर्जी ने कहा कि ‘मैं सभी धर्मों के कार्यक्रमों में जाती हूं, जब मैं गुरुद्वारे जाता हूं तो किसी को कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन अगर मैं ईद के कार्यक्रम में जाती हूं तो कुछ लोगों को परेशानी होने लगती है।’
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर भी परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि वह लंबे समय से गंगासागर में पुल निर्माण को लेकर प्रयास कर रही थीं, लेकिन अब राज्य सरकार खुद इस परियोजना को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने घोषणा की कि गंगासागर में प्रस्तावित पुल की नींव 5 जनवरी को रखी जाएगी और अगले दो वर्षों में इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने धार्मिक स्थलों के विकास से जुड़ी एक और बड़ी घोषणा की। उन्होंने बताया कि जनवरी के दूसरे सप्ताह में सिलीगुड़ी में महाकाल मंदिर की आधारशिला रखी जाएगी।
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