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बहन का आखिरी कॉल… राजौरी में शहीद जवानों की कहानी, जो लौट के घर ना आए

August 12, 2022

नई दिल्ली: भारत के तीन अलग-अलग कोनों में चार परिवारों के लिए गुरुवार को जीवन अचानक थम गया. जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में एक सैन्य शिविर पर आतंकवादी हमले में 4 सैनिकों की मौत के साथ उन पर पहाड़ टूट पड़ा. उनके लिए जीवन जीने का मकसद कहीं खो गया. गुरुवार तड़के शहीद होने से कुछ घंटे पहले 48 वर्षीय सूबेदार राजेंद्र प्रसाद भांबू ने खराब सेलफोन नेटवर्क के कारण कॉल डिस्कनेक्ट होने से पहले अपनी बेटी के साथ एक वीडियो कॉल पर बात की थी.

भांबू के छोटे भाई राजेश एक सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं. राजेश कहते हैं कि सुबह लगभग 5 बजे हमें सूचित किया गया कि वह घायल हो गए हैं. बाद में हमें बताया गया कि वह शहीद हो गए हैं. भांबू 2023 में रिटायर होने वाले थे. उनकी बेटी की शादी उनके रिटायर होने के बाद अगले साल मार्च में होनी थी. भांबू के परिवार में दो बेटियां और एक बेटा है.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक 21 वर्षीय राइफलमैन निशांत मलिक ने बुधवार को एक वीडियो कॉल पर हरियाणा के हिसार जिले के हांसी शहर में अपने परिवार के साथ बात की थी. गुरुवार की सुबह उनकी बहन ने कॉल किया था, यह रक्षाबंधन का दिन था. लेकिन उधर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. हांसी में तैनात एक अनुमंडल अधिकारी (सार्वजनिक स्वास्थ्य) और निशांत के पारिवारिक मित्र रणबीर मलिक ने कहा कि शाम को उसके पिता को निशांत की शहादत की सूचना दी गई.


राइफलमैन डी लक्ष्मण जुड़वां भाई थे
तमिलनाडु के मदुरै जिले के टी पुडुपट्टी गांव में राइफलमैन डी लक्ष्मण के जुड़वां भाई रामू ने कहा कि वो दोनों सेना में शामिल होना चाहते थे और भर्ती प्रक्रिया की तैयारी के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की थी. लक्ष्मण अकेले ही भर्ती हो पाए. हमें उन पर गर्व है.

नवंबर में हुई थी शादी
हरियाणा के फरीदाबाद जिले के शाहजहांपुर गांव के राइफलमैन मनोज कुमार दो साल पहले सेना में शामिल हुए थे. फरीदाबाद पुलिस के प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि परिवार में चार भाई-बहनों में सबसे छोटे कुमार की शादी नवंबर 2021 में हुई थी. सिंह ने कहा कि कुमार के परिवार को गुरुवार सुबह उनके शहीद होने की सूचना दी गई. बता दें कि राजौरी में हुए इस आतंकी हमले में सेना ने 2 आतंकियों को मार गिराया.

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