
भोपाल। कोरोना संक्रमण के दौरान त्योहारों की परंपराएं भी इस बार बदली नजर आई। बहन और भाइयों ने एक दूसरे की सलामती के लिए पहले मास्क पहनाए फिर रक्षा सूत्र बंधन की परंपरा निभाई। इस मौके पर भाई ने भांजे भांजियों को तोहफे के रुप में मास्क के भी दिए। वहीं अधिकांश जगह भाईयों ने बहनों द्वारा भेजी गई राखी खुद बांधी। इस दौरान बहनों ने भाइयों से अपनी रक्षा का वचन भी लिया। भाइयों ने वचन के साथ उपहार भी दिए। कई स्थानों पर बहनों ने जिनके भाई दूर रह रहे हैं, वीडियो कॉलिंग के जरिए बातचीत कर उनके नाम की राखी भगवान के चरणो में अर्पित की। साथ ही भगवान से कोरोना वायरस को जल्द से जल्द खत्म करने की प्रार्थना की। इस बार कोरोना के कारण लगे लॉक डाउन के चलते बाजार नहीं खुले। इसलिए ज्यादातर बहनों ने घर की बनाई राखी ही भाइयों को बांधी।
चीन की राखी का बहिष्कार
इस साल चीन में बनी राखियों का पूरी तरह बहिष्कार करते हुए सभी ने ईको फ्रेंडली राखी का इस्तेमाल किया। उन्होंने अपने स्वजनों को भी यह राखी इस्तेमाल करने के लिए दी। इस राखी का निर्माण पूरी तरह से प्राकृतिक संसाधनों से किया। राखी शुक्ला ने बताया कि रेशमी डोरे से असली फूल, पत्ती से बनी राखी का इस्तेमाल न सिर्फ खुद किया, बल्कि स्वजनों को भी यह राखी बनाकर दी। इसमें डोरे के अलावा कोई लागत नहीं आई। यह देखने में भी बहुत खूबसूरत है।
सीएम ने हॉस्पिटल में मनाई रक्षाबंधन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अस्पताल में रक्षाबंधन मनाया। उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी कि रक्षाबंधन के पावन अवसर पर अस्पताल में मेरे वॉर्ड में पदस्थ कोरोना योद्धा, बहन सरोज ने बड़े स्नेह से मुझे राखी बांधी। ईश्वर से उनके सुखद और मंगलमय जीवन की कामना करता हूं। मेरा यह जीवन बहनों के कल्याण और मध्यप्रदेश के उत्थान के लिए समर्पित है। सामाजिक संगठनों ने एक पौधा अभियान से प्रेरित होकर इस बार ग्रामीण क्षेत्रों के जागरूक प्रतिनिधियों ने पौधरोपण किया। इसी सिलसिले में नन्हें-मुन्ने बच्चों द्वारा भाई-बहन के अटूट प्रेम का पावन पर्व रक्षाबंधन इस बार संपूर्ण देश सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी एक नई पहल के साथ मनाया गया। राखी बांधी तो कहीं कहीं पर नन्हें-मुन्ने बच्चों ने छोटे-छोटे पौधों को रक्षा सूत्र बांधकर उन्हें सहेजने का संकल्प लिया।
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