
नई दिल्ली । म.प्र. के मंत्री विजय शाह के मामले में (In MP Minister Vijay Shah’s case) जांच पूरी करने के लिए (To complete Investigation) एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगा (SIT seeks more time from Supreme Court) । विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में गठित की गई एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है।
एसआईटी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सौंपी गई स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच अभी शुरुआती दौर में है और बयान का वीडियो भोपाल में एफएसएल को भेजा गया था, लेकिन संसाधनों की कमी के चलते वापस आ गया। साथ ही एक पत्रकार का मोबाइल भी एफएसएल को भेजा गया है। इस मामले में अभी तक सात गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं और एसआईटी ने घटना से संबंधित वीडियो और मीडिया रिपोर्टों का अध्ययन किया है।
एसआईटी ने स्टेटस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए मामले में जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा है। इससे पहले, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि वह विशेष जांच दल (एसआईटी) की उस स्थिति रिपोर्ट को स्वीकार करे, जो मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणियों की जांच के संबंध में दायर की गई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री से एसआईटी की स्टेटस रिपोर्ट रिकॉर्ड पर लेने को कहा था।
बता दें कि विजय शाह ने भारत के सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में बात करते हुए विवादित टिप्पणी की थी। मंत्री के इस बयान के बाद देशव्यापी आक्रोश फैल गया था। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को एक महिला आईपीएस अधिकारी सहित मध्य प्रदेश कैडर के तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी गठित करने का आदेश दिया था, जो भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152, 196(1)(बी) और 197 के तहत शाह के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच करेगी।
जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने 19 मई को अपने आदेश में कहा था कि एसआईटी का नेतृत्व पुलिस महानिरीक्षक के पद से नीचे का अधिकारी नहीं करेगा और शेष दो सदस्य भी पुलिस अधीक्षक या उससे ऊपर के पद के होंगे। संबंधित एफआईआर की जांच तत्काल एसआईटी को सौंपी जाएगी।
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