
नई दिल्ली । मॉनसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के इस्तीफे से राज्य सभा चर्चा का केंद्र बनी हुई है। गुरुवार को उच्च सदन में उन 6 सदस्यों को विदाई दी गई, जिनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इस पूरे कार्यक्रम की जानकारी उपसभापति हरिवंश (Deputy Chairman Harivansh) ने दी। उन्होंने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए और कहा कि 6 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है जिसमें एक, अन्नाद्रमुक के पी विल्सन दूसरे कार्यकाल के लिए सदन में वापस आ रहे हैं।
सांसदों के बारे में बताते हुए उपसभापति ने कहा, “द्रमुक के एम मोहम्मद अब्दुल्ला और एन षणमुगम, अन्नाद्रमुक के एम चंद्रशेखरन और पी विल्सन, पीएमके के डॉ अंबुमणि रामदॉस तथा एमडीएमके के एम वाइको का उच्च सदन में कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इन सदस्यों ने सदन में हुई बहसों, चर्चा और अन्य बैठकों में उल्लेखनीय योगदान दिया है। मैं सभी के बेहतर भविष्य की कामना करते हैं।”
सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि सदन में समय समय पर नए सदस्य आते हैं और कार्यकाल पूरा होने पर जाते हैं। उन्होंने कहा ‘‘प्रजातंत्र में चर्चा और वाद-विवाद स्वाभाविक है। लोकतंत्र में असहमति का भी स्थान होता है और हम यह मानते भी हैं। विदा ले रहे हमारे साथियों ने मत विभिन्नता के बावजूद बहसों, में विभिन्न समसामायिक, सामाजिक, कानूनी मुद्दों आदि पर चर्चा की और उसे उच्च स्तरीय बनाया। इसके लिए उनका धन्यवाद।”
नड्डा ने वाइको का जिक्र करते हुए कहा कि उनके योगदान को सदन में और बाहर हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह सदन में कल उन्होंने मछुआरों का मुद्दा उठाया, उसे देख कर ऐसा नहीं लगता कि उनका उत्साह कम हुआ है। उन्होंने सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के बेहतर भविष्य और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।
वहीं दूसरी ओर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों ने सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दे उठाए और वह उनके बेहतर भविष्य की कामना करते हैं।
द्रमुक के तिरुचि शिवा ने कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों ने कई मुद्दे उठाए और अपना पक्ष रखा जिसे याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि वाइको की बात हमेशा सबने ध्यान से सुनी गई और वह हमेशा याद आएंगे।
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