
इंदौर। प्राधिकरण जहां अपनी टीपीएस योजनाओं में 1100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि इलेक्टिफिकेशन पर खर्च कर रहा है, तो अभी उसने इंदौर ही नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश में पहली बार स्मार्ट पिक्सल स्ट्रीट लाइट पोल भी लगवाए। बिचौलीहप्सी से कनाडिय़ा रोड आरई-2 के एक तैयार हिस्से पर 2 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर ये हाईटेक पोल लगाए हैं, जो कि मोबाइल ऐप से कंट्रोल किए जा सकते हैं। खूबसूरत और आकर्षक रोशनी के साथ इसकी कलर और थीम भी बदली जा सकती है। जैसे उदाहरण के लिए 26 जनवरी और 15 अगस्त पर तिरंगे की थीम और उसी से जुड़े कलर इस पोल की लाइटों में नजर आएंगे।
एक तरफ नगर निगम के स्ट्रीट लाइट का जिम्मा है, मगर आए दिन इनमें से अधिकांश बंद भी रहती है, वहीं कई वर्ष पूर्व निगम ने चौराहे पर इलेक्ट्रिक पेड़ भी लगाए थे, जिसमें घोटाले के आरोप भी लगे और थोड़े ही दिन में ये पेड़ खराब भी हो गए। अब पहली बार प्राधिकरण ने आकर्षक स्ट्रीट लाइट लगवाई है, जिसका अभी सफल परीक्षण भी दो दिन पहले किया गया। प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार ने बताया कि इन लाइटों को कंट्रोल कमांड सेंटर के जरिए भी संचालित किया जा सकेगा और निगम का जो एआईसीटीएसएल में कंट्रोल एंड कमांड सेंटर है, उससे भी इसे लिंक कर देंगे। इसमें लगे 16 हाईटेक कैमरों की सहायता से यातायात से लेकर अन्य आपराधिक घटनाओं की भी रिकॉर्डिंग पुलिस को हासिल हो सकेगी। आरई-2, जिसके एक हिस्से का निर्माण प्राधिकरण ने बिचौलीहप्सी से कनाडिय़ा रोड पर किया है, वहां पर ये माइल्ड स्टील लेजर कट पोल सडक़ को रोशन करने के साथ एक नई तकनीकी पहचान भी दे रहे हैं।
7 मीटर लम्बाई के 75 पोल अभी स्थापित किए गए हैं और प्रत्येक पोल पर 120 किलोवॉट की 2-2 एलईडी लगाई गई है। आरजीबी पिक्सल की लाइटिंग पोल के लेजर कट हिस्से में लगी है और किसी भी त्योहार, राष्ट्रीय दिवस या अन्य आयोजन के अनुसार उसकी सेटिंग की जा सकती है, जिससे पूरा रोड उत्सवमय नजर आता है। रहवासियों के लिए भी यह एक नया फोटोग्राफिक्स स्पॉट बन गया है और एआई आधारित निगरानी प्रणाली के चलते खराब होने, मेंटेनेंस पर अलर्ट भी मिलता है। मोबाइल और वेब डेशबोर्ड के जरिए रियल टाइम मॉनिटरिंग और कंट्रोल भी संभव है और जनहित के संदेश, त्योहारों के मद्देनजर उसी से संबंधित थीम और कलर भी इन लाइटों के डिस्प्ले में बदले जा सकते हैं। प्राधिकरण के इलेक्ट्रिक ऑफिसर राकेश अखंड के मुताबिक इस तरह के स्मार्ट पोल पहली बार इंदौर ही नहीं, बल्कि संभवत: पूरे प्रदेश में लगाए गए हैं, जो कि इंदौर जैसे स्मार्ट शहरों को और भी बेहतर बनाते हैं। प्राधिकरण सीईओ अहिरवार ने यह भी बताया कि विभिन्न टीपीएस योजनाओं में अभी 1100 करोड़ रुपए के विश्व स्तरीय विद्युत कार्य करवाए जा रहे हैं, जिसमें भूमिगत केबल के साथ-साथ अति उच्च दाब लाइन, विद्युत ग्रेड सब स्टेशन व अन्य कार्य होना है, जिसके लिए राष्ट्रीय स्तर के विद्युत सलाहकारों की नियुक्ति भी की जाएगी और इसके टेंडर भी बुलवा लिए हैं।
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