
नई दिल्ली । हाल ही में हिमाचल प्रदेश(Himachal Pradesh) में दो भाइयों की एक ही लड़की से शादी की खबर(wedding news) काफी चर्चित(quite popular) रही थी। यह शादी हाटी समुदाय की एक परंपरा के अनुसार हुई थी। वहीं, हरियाणा में परिवार पहचान पत्र के डाटा में ऐसे ही दिलचस्प मामले सामने आए हैं। हरियाणा में 2779 ऐसे व्यक्ति हैं, जिनकी एकल परिवार में दो या दो से अधिक पत्नियां दर्ज हैं। चौंकिये मत, हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी परिवार पहचान पत्र योजना में यह खुलासा हुआ है। परिवार पहचान पत्र के डाटा विश्लेषण में पता चला कि इन लोगों ने अपनी फैमिली आईडी में पत्नियों के साथ-साथ उनके बच्चों की भी जानकारी दी है। 2761 व्यक्तियों की दो पत्नियां, 15 लोगों की तीन, जबकि तीन व्यक्तियों की तीन से अधिक पत्नियां दर्ज हैं। यह विवरण लोगों द्वारा स्वयं दर्ज किया गया है, इसलिए इसे सही माना जा रहा है।
यह हैं जिलेवार आंकड़े
जिलेवार आंकड़ों के मुताबिक नूंह में 353 लोगों की एकल परिवार में दो पत्नियां हैं। अंबाला में 87, भिवानी में 69, चरखी दादरी में 30, फरीदाबाद में 267, फतेहाबाद में 104, गुरुग्राम में 157, हिसार में 152, झज्जर में 72, जींद में 146, कैथल में 92, करनाल 171, कुरुक्षेत्र में 96, महेंद्रगढ़ में 81, पलवल में 178, पंचकूला में 44, पानीपत में 129, रेवाड़ी में 80, रोहतक में 78, सिरसा में 130, सोनीपत में 134, यमुनानगर में 111 व्यक्तियों की दो पत्नियां हैं।
इसके अलावा भिवानी में दो, फरीदाबाद में दो, हिसार में एक, झज्जर में एक, जींद में एक, करनाल में दो, कुरुक्षेत्र में एक, नूंह में एक, पलवल में एक, रेवाड़ी में एक, सोनीपत में दो लोगों की तीन पत्नियां दर्शाई गई हैं।तीन पत्नियों वाले मामलों में फरीदाबाद, भिवानी, करनाल और झज्जर जैसे जिलों के नाम शामिल हैं। परिवार पहचान प्राधिकरण के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ. सतीश खोला ने कहा कि फैमिली आईडी एक धर्मनिरपेक्ष पहचान प्रणाली है। इसमें धर्म का कोई कॉलम नहीं है लेकिन सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए व्यक्ति की जाति का उल्लेख अनिवार्य है और उसका सत्यापन भी होता है। उन्होंने कहा कि पत्नियों और बच्चों की जानकारी के सत्यापन की कोई प्रणाली नहीं है, इसलिए यह जानकारी व्यक्तियों द्वारा दी गई स्व-घोषित जानकारी पर आधारित है।
पूरे परिवार की जानकारी देना मजबूरी, वरना सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं
हरियाणा सरकार ने राज्य की सभी कल्याणकारी योजनाओं को फैमिली आईडी से जोड़ दिया है। इसके तहत हर व्यक्ति को अपने परिवार पत्नी, बच्चों की पूरी जानकारी दर्ज करनी होती है। फैमिली आईडी के बिना किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल सकता। हालांकि, प्राधिकरण के अनुसार किसी व्यक्ति की पत्नी या बच्चों का औपचारिक सत्यापन नहीं किया जाता, केवल जाति और आय का सत्यापन होता है। बिना फैमिली आईडी के कोई भी व्यक्ति अब किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं ले सकता। यही कारण है कि लोग इसमें अपने पूरे परिवार, पत्नी और बच्चों की जानकारी देने को मजबूर हैं।
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