
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam of Jammu and Kashmir) में हुए आतंकी हमले के बाद देश की सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं. सरकार ने सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) को सस्पेंड करने, पाकिस्तानी वीजा को रद्द करने और हाई कमीशन में कर्मचारियों को कम कर दिया है. इस बीच पाकिस्तानी मीडिया भारत के बारे में अफवाह फैला रही थी, जिसको देखते हुए भारत सरकार ने पाकिस्तानी मीडिया के सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी बैन कर दिया है. इसके बाद से कोई भी पाकिस्तानी मीडिया चैनल भारत में शो नहीं कर रहा है.
भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल को भारत में उपयोगकर्ताओं के लिए ब्लॉक कर दिया है. अब भारतीय उपयोगकर्ता पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स को एक्स प्लेटफॉर्म पर एक्सेस नहीं कर सकते हैं.
यह डिजिटल ब्लैकआउट एक बड़े राजनीतिक और राजनयिक कदम के तहत उठाया गया है. सरकार के इस फैसले को पाकिस्तान के खिलाफ कड़े रुख के रूप में देखा जा रहा है, जो भारत की संप्रभुता और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर उसकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इस कदम के जरिए भारत ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी प्रकार के विदेशी प्रचार, दुष्प्रचार और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा, भले ही वह किसी भी मंच से हो.
डिजिटल कार्रवाई के साथ-साथ भारत और पाकिस्तान दोनों देशों ने अपने-अपने उच्चायोग में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या भी घटाने का निर्णय लिया है. दोनों देशों ने आपसी सहमति से 1 मई तक अपने उच्चायोगों के स्टाफ को 55 से घटाकर 30 कर देने का फैसला किया है. यह निर्णय स्पष्ट रूप से राजनयिक संबंधों में उत्पन्न तनाव का संकेत देता है और यह दर्शाता है कि फिलहाल दोनों देशों के बीच संवाद सीमित स्तर पर ही रह सकता है.
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीति को और सख्त कर दिया है. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब सिर्फ सैन्य मोर्चे पर ही नहीं, बल्कि सूचना के क्षेत्र में भी किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी. मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का प्रभाव आज की दुनिया में अत्यधिक है और आतंकवादियों और उनके समर्थकों की ओर से इन्हें हथियार की तरह इस्तेमाल करना एक बड़ा खतरा बन गया था.
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