मुंबई। सोहा अली खान (Soha Ali Khan) फिल्मों में आने से पहले बैंकर थीं। उनकी फिल्मों में रुचि नहीं थी और उनके पेरेंट्स भी नहीं चाहते थे कि वह एक्ट्रेस बनें। 13 साल तक बैंकर की नौकरी करते हुए उन्हें एक फिल्म ऑफर (Movie Offer) हुई और उन्होंने नौकरी छोड़ दी। हालांकि वो फिल्म भी नहीं बनी और सोहा बेरोजगार हो गईं। शर्मिला टैगोर इस बात के लिए सैफ अली खान को पहले ही वॉर्न कर चुकी थीं। सोहा ने बताया कि उनका परिवार इस बात से बिल्कुल खुश नहीं था कि उन्होंने फिल्मों में आने का फैसला लिया. यहां तक कि उनके फिल्मों में आने के फैसले का जिम्मेदार उनके भाई सैफ अली खान ठहराया गया था.
सोहा ने क्विजिटॉक से बातचीत में बताया कि वो बहुत ज्यादा हिंदी फिल्में नहीं देखती थीं. उन्होंने 1990 के आसपास की ही कुछ फिल्में देखी थीं, जो उन्हें अच्छी नहीं लगी थी. वो बोलीं, ”जब पहेली फिल्म पर काम शुरू हुआ तो बहुत सारे आउटफिट्स बदलने होते थे और अजीबोगरीब तरीके से गानें में आने का तरीका. साथ ही बहुत तरीके से दकियानुसी सोच का सामना करना पड़ा था.” इसके बाद सोहा ने फैसला किया ये वो नहीं है जो वो करना चाहती हैं. और अपने पैरेंट्स शर्मिला टैगोर और मंसूर अली खान को बताया.
सोहा ने कहा कि वो मुझे लॉन्च करना चाहते थे. लेकिन मैंने रियलाइज किया कि अगर कोई आपको फिल्म ऑफर करता है तो आपको अपनी अच्छी-खासी तनख्वाह वाली कॉर्पोरेट नौकरी नहीं छोड़नी चाहिए. एक अग्रीमेंट होना चाहिए, एक साइनिंग अमाउंट होना चाहिए.
सैफ को मिली थी वॉर्निंग
सोहा ने अपने माता-पिता को अपने नौकरी छोड़ने के फैसले के बारे में नहीं बताया था क्योंकि उन्हें पता था कि वो इसे एक्सेप्ट नहीं करेंगे. जब उन्हें तीन महीने बाद पता चला, तो वो चौंक गए. सोहा बोलीं कि उन्हें तीन महीने बाद पता चला. मैं बेरोजगार थी. मैं लोखंडवाला में एक फ्लैट के लिए 17,000 रुपये का किराया दे रही थी. मेरी कोई इनकम नहीं थी. वो बिल्कुल भी खुश नहीं थे. मेरी मां ने मेरे भाई से कहा था, ‘अगर वो फिल्मों में शामिल होती है, तो ये तुम्हारी गलती होगी क्योंकि तुमने उसके दिमाग में हर तरह की बातें भरी हैं, इसलिए ऐसा मत करो.
सोहा ने कहा कि मैं खुद इस बारे में सोचती थी हो सकता है ये मेरे इतना अच्छा करियर साबित न हो. इसलिए थोड़ी दूर-दूर रहती थी. बता दें, सोहा ने 2004 में दिल मांगे मोर फिल्म से डेब्यू किया था
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved