
उज्जैन। सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को हैं। इस बार सोमवार को विशेष संयोग बन रहा है, जब मूल नक्षत्र और वृद्धि योग के साथ धनु राशि के चंद्रमा के संयोग में सोमवती अमावस्या का योग होगा। यह अमावस्या पूर्ण रूप से दर्श है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाती है। पितरों की शांति और चंद्र दोष निवारण के लिए इस दिन पूजन का महत्व अधिक है।
वर्ष का अंतिम दिन और सोमवती अमावस्या होने के कारण उज्जैन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं पहुंचेंगे। शिप्रा नदी में स्नान और देव दर्शन करेंगे। स्कंद पुराण के अवंती खंड में 84 महादेव का उल्लेख है। इनमें सोमेश्वर महादेव तीर्थ पर सोम कुंड में स्नान करने की मान्यता है। एक मान्यता यह भी है कि जिन्हें ऊपरी हवा या किसी प्रकार का फेरा साथ में आया हो ऐसे दोष की निवृत्ति के लिए सोम कुंड में स्नान की परंपरा है। साथ ही स्नान के बाद भगवान सोमेश्वर का अभिषेक पूजन और पितरों के निमित्त तर्पण करने की परंपरा भी है। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने अधिकारियों की बैठक लेकर सोमवती अमावस्या पर्व पर स्नान की व्यवस्था के लिए शिप्रा नदी के घाटों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था, साफ-सफाई, घाट पर होमगार्ड के जवान तैनात करने के निर्देश दिए है। साथ ही श्रद्धालुओं को स्नान में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के लिए कहा गया। कलेक्टर ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्यपालन दण्डाधिकारियों की 29 दिसंबर से 5 जनवरी तक श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिफ्टवार ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए है।
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