
जबलपुर। मध्य प्रदेश जबलपुर हाईकोर्ट (Janalpur High Court) की युगलपीठ (Coupleback) ने एक अहम आदेश में कहा है कि स्वेच्छा से रहने की अनुमति देने के बाद भी माता पिता (Mother Father) और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण व कल्याण अधिनियम 2007 के तहत दामाद (Son-in-Law) को मकान (House) खाली करने का आदेश दिया जा सकता है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने सुनवाई में पाया कि वृद्ध ससुर के पास भविष्य निधि पेंशन (Provident Fund Pension) ही आय का स्त्रोत है। पत्नी और बच्चों के पालन के लिए उसे मकान की आवश्यकता है। युगलपीठ ने दामाद को तीस दिनों के अंदर मकान खाली करने के आदेश जारी किए हैं।
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