
इंदौर। शिलांग (Shillong) में दो जून को राजा रघुवंशी (Raja Raghuvanshi0 का शव मिलते ही पुलिस अफसरों ने हर एंगल से जांच शुरू कर दी थी। पांच जून के बाद ही पुलिस अफसरों को हत्याकांड में सोनम (Sonam) के शामिल होने के संकेत मिले थे। इसके बाद शिलांग एसपी विवेक सिएम (Shillong SP Vivek Siem) ने पूरे मामले की जांच और खुलासे के लिए 25 अफसरों की टीम बनाई। उनकी इस कार्यवाही को ‘ऑपरेशन हनीमून’ नाम दिया गया।
इसी ने राजा की हत्या के 18 वें दिन 9 जून को राजा की पत्नी सोनम समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा कर दिया। जांच में यह भी पता चला है कि राजा की हत्या करने के बाद सोनम 25 मईृ को इंदौर आई थी और टिगरिया बादशाह क्षेत्र के नंदबाग में एक किराए के घर में प्रेमी राज कुशवाह के साथ रुकी थी।
शिलांग पुलिस के पास यह तथ्य भी आया है कि सोनम हत्या के बाद सिलीगुड़ी के रास्ते इंदौर आई थी और अपने प्रेमी राज के साथ किराए के एक कमरे में रूकी थी। फिर वहां से वह वाराणसी होते हुए गाजीपुर पहुंची। पुलिस इसकी भी जांच कर रही है, हालांकि इंदौर पुलिस ने सोनम के इंदौर आने की पुष्टि नहीं की। शिलांग पुलिस अब सोनम के शिलांग पहुंचने के बाद इस तथ्य की जांच करेगी कि वह वाकई इंदौर गई थी, या बीच में रुक गई थी।
सोनम के तीन युवकों के साथ नजर आने की जानकारी भी शिलांग पुलिस को मिल गई थी। घटनास्थल से 10 किलोमीटर दूर एक सीसीटीवी कैमरे में सोनम के साथ तीन आरोपी नजर आए थे। पुलिस को तभी पता चल गया था कि सोनम के साथ तीन युवक इस हत्याकांड में शामिल हैं। उसके बाद ही उनके खिलाफ सबूत जुटाने के लिए शिलांग पुलिस के अफसरों की टीम जुट गई थी। हत्या के उपयोग में लाए सबूतों की खोज खाई में करने के लिए टीम जाती थी, लेकिन सोनम के भाई को लगता था कि शिलांग पुलिस गंभीरता नहीं दिखा रही है, जबकि पुलिस अफसर सोनम और अन्य आरोपियों को पकड़ना चाहते थे।
तब तक मध्य प्रदेश से मामले की सीबीआई जांच की मांग का दबाव बढ़ने लगा था, लेकिन मेघालय सरकार ने इस मामले में जल्दबाजी नहीं दिखाई। पुलिस अफसर चाहते थे कि ‘ऑपरेशन हनीमून’ सफल हो और आरोपी उनकी गिरफ्त में आ जाएं, उसके बाद ही इस हत्याकांड का खुलासा किया जाए।
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